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This Article is From Mar 24, 2018

सहयोगी से रेप का मामला: तरूण तेजपाल ने SC में याचिका दाखिल कर आरोप रद्द करने की मांग की

तहलका पत्रिका के संस्थापक तरूण तेजपाल ने आज उच्चतम न्यायालय से कहा कि उनके खिलाफ उनकी पूर्व सहयोगी द्वारा दर्ज कराये गये बलात्कार मामले में पीडित के बयानों और वीडियो रिकार्डिग में तारतम्य नहीं है.

सहयोगी से रेप का मामला: तरूण तेजपाल ने SC में याचिका दाखिल कर आरोप रद्द करने की मांग की
फाइल फोटो
नई दिल्ली: तहलका पत्रिका के संस्थापक तरूण तेजपाल ने आज उच्चतम न्यायालय से कहा कि उनके खिलाफ उनकी पूर्व सहयोगी द्वारा दर्ज कराये गये बलात्कार मामले में पीडित के बयानों और वीडियो रिकार्डिग में तारतम्य नहीं है. तरूण तेजपाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप रद्द करने की मांग की. सुप्रीम कोर्ट 6 अप्रैल को मामले की सुनवाई करेगा. तेजपाल ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें रेप के आरोपों को रद्द कर आरोमुक्त करने की अर्जी को खारिज कर दिया था. तेजपाल की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि पीडिता के 164 सीआरपीसी के बयान और वीडियो क्लिप में विरोधाभास है लेकिन ट्रायल कोर्ट ने कहा कि अंतिम चरण में देखेंगे.

तेजपाल मामला : अदालत ने पीड़िता के परीक्षण की कार्यवाही पूरी की

पिछले साल दिसंबर में  सुप्रीम कोर्ट ने रेप मामले में निचली अदालत को ट्रायल जारी रखने के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को गवाहों को एग्जामिन प्रक्रिया जारी रखने को कहा था. लेकिन ट्रायल कोर्ट को तब कर आदेश सुनाने से रोका जब तक बोंबे हाईकोर्ट तेजपाल की आरोपों को रद्द करने की याचिका पर फैसला ना दे दे. सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट को कहा कि तेजपाल की याचिका पर तीन महीने में फैसला सुनाए. कोर्ट ने नाराजगी जताई कि एक बार आरोपी को जमानत मिल जाती है तो वो ट्रायल को लेकर चिंतित नहीं होता. तेजपाल की ओर से कहा गया कि देरी गोवा सरकार की ओर से हुई है. गोवा की अदालत ने ट्रायल पूरा करने के लिए और वक्त मांगा था. 

सहकर्मी से रेप मामला : पत्रकार तरुण तेजपाल के खिलाफ आरोप तय

सुप्रीम कोर्ट ने तरूण तेजपाल को जमानत देते हुए 2014 में ट्रायल कोर्ट को आठ महीने में सुनवाई पूरा करने का आदेश दिया था. तहलका पत्रिका के संस्‍थापक पत्रकार तरुण तेजपाल पर सहकर्मी से रेप के मामले में मापसा की कोर्ट द्वारा आरोप तय कर दिए गए थे. वारदात साल 2013 की है. आरोप है कि गोवा में थिंक फेस्ट के दौरान एक पांच सितारा होटल की लिफ्ट में तरुण तेजपाल ने अपनी सहकर्मी का यौन उत्पीड़न किया था. बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा पीठ ने बलात्कार के मामले में तरुण तेजपाल के खिलाफ आरोप तय किये जाने पर रोक लगाने से मना कर दिया था और गोवा सरकार को नोटिस जारी कर वरिष्ठ पत्रकार की याचिका पर उससे जवाब मांगा था.

VIDEO: तरुण तेजपाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप तय
मापुसा में जिला अदालत ने 7 सितंबर को तेजपाल के खिलाफ आरोपों को हटाने से मना कर दिया था. तेजपाल पर गोवा में 2013 में एक कार्यक्रम के दौरान अपनी पूर्व सहयोगी पर यौन हमला करने का आरोप है. तहलका पत्रिका के संस्थापक संपादक तेजपाल ने जिला अदालत के आदेश के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय की गोवा पीठ का दरवाजा खटखटाया था. न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण ने उनकी प्रार्थना पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत द्वारा आरोप तय किए जाने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. तेजपाल ने उनके खिलाफ आरोप तय किये जाने पर तब तक रोक लगाने की मांग की थी जब तक कि उच्च न्यायालय आरोप हटाने की उनकी याचिका पर फैसला नहीं कर लेता. बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने तेजपाल की अर्जी को खारिज कर दिया था.

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