विज्ञापन
This Article is From Feb 13, 2018

एयर इंडिया ने नौकरी देने से किया इनकार, तो ट्रांसजेंडर ने राष्ट्रपति से की 'इच्छा मृत्यु' की फरियाद

उसने दो साल की अवधि में चार बार नौकरी के लिए आवेदन किया लेकिन उसे नौकरी नहीं दी गई.

एयर इंडिया ने नौकरी देने से किया इनकार, तो ट्रांसजेंडर ने राष्ट्रपति से की 'इच्छा मृत्यु' की फरियाद
राष्ट्रपति कोविंद (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से पहचान मिल जाने के बाद भी देश में ट्रांसजेंडर्स अपने अधिकार से वंचित किये जा रहे हैं. जहां एक तरफ देश में तीसरे लिंग को बराबरी का दर्जा दिए जाने की चर्चाएं चल रही हैं और उच्चतम न्यायालय ने भी उनके लिंग को पहचान देने के निर्देश दिए हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ विमानन कंपनी एयर इंडिया के एक ट्रांसजेंडर को नौकरी देने से मना करने के बाद उसने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को पत्र लिखकर ‘इच्छा मृत्यु’ दिए जाने की दरख्वास्त की है. 

शानवी पोन्नुस्वामी ने एयर इंडिया में केबिन क्रू के सदस्य के तौर पर नौकरी के लिए आवेदन किया था. कंपनी के नौकरी देने से मना करने के बाद शानवी ने पिछले साल उच्चतम न्यायालय का रुख कर कंपनी के निर्णय को चुनौती दी थी.

इसके बाद शीर्ष अदालत ने इस संबंध में एयर इंडिया और नागर विमानन मंत्रालय से चार हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा कहा था. राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में शानवी ने दावा किया है कि न तो एयर इंडिया और न ही नागर विमानन मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय के नोटिस का जवाब दिया है. 

यह भी पढ़ें - एक साथ मौत को गले लगाना चाहता है ये कपल, इसके पीछे है बहुत बड़ी वजह

उसने कहा है कि बिना नौकरी के वह अपना गुजारा करने में सक्षम नहीं है और इसलिए वह ‘इच्छा मृत्यु’ दिए जाने की दरख्वास्त कर रही है. ट्रांस राइट्स नाऊ कलेक्टिव नामक फेसबुक पेज ने शानवी के पत्र के हवाले से लिखा है, ‘यह स्पष्ट है कि भारत सरकार मेरे जीवन के मुद्दे और रोजगार के प्रश्न पर जवाब देने को तैयार नहीं है और मैं अपने रोजाना के खान-पान पर खर्च करने की भी स्थिति में नहीं हूं. ऐसे में उच्चतम न्यायालय में लड़ाई के लिए वकीलों को पैसा देना संभव नहीं है.’ 

अपने पत्र में उसने लिखा है कि उसके लिंग के कारण उसे उसके मूल अधिकार देने से वंचित कर दिया गया है. शानवी ने लिखा कि उसने ग्राहक सहायक कार्यकारी के तौर पर एक साल तक एयर इंडिया में नौकरी की और उसके बाद उसने लिंग परिवर्तन कराने की सर्जरी करा ली.

यह भी पढ़ें - क्या इच्छा मृत्यु का हक़ मिलना चाहिए? सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू, केंद्र ने किया विरोध

इसके बाद उसने दो साल की अवधि में चार बार नौकरी के लिए आवेदन किया लेकिन उसे नौकरी नहीं दी गई.

VIDEO: जानिए मध्य प्रदेश के 50 दलित परिवार क्यों मांग रहे हैं इच्छा मृत्यु... (इनपुट भाषा से)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com