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This Article is From Feb 22, 2022

तमिलनाडु निकाय चुनाव: सबसे आगे चल रही सत्ताधारी DMK, अब तक BJP का खाता भी नहीं खुला

तमिलनाडु राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, राज्य के कुल 1,374 निगम वार्ड में से, द्रमुक ने अब तक 57 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक ने 7 सीटों और अन्य ने आठ सीटों पर जीत दर्ज की है. द्रमुक की सहयोगी कांग्रेस ने भी सात और माकपा ने दो वार्ड में जीत हासिल की है.

तमिलनाडु निकाय चुनाव: सबसे आगे चल रही सत्ताधारी DMK, अब तक BJP का खाता भी नहीं खुला
चुनाव नतीजे को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के 9 महीने के कार्यकाल के प्रदर्शन पर एक रिपोर्ट कार्ड के रूप में देखा जा रहा है.
चेन्नई:

तमिलनाडु (Tamil Nadu) में एक दशक के लंबे अंतराल के बाद हुए शहरी स्थानीय निकाय चुनावों (Tamil Nadu Urban Civic Polls) में सत्तारूढ़ द्रमुक पार्टी (DMK) आगे चल रही है. इन चुनावों में बीजेपी राज्य की मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक से अलग हो गई थी और अकेले चुनाव लड़ी थी. निकाय चुनाव नतीजे को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (CM MK Stalin) के 9 महीने के कार्यकाल के प्रदर्शन पर एक रिपोर्ट कार्ड के रूप में देखा जा रहा है.

तमिलनाडु राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, राज्य के कुल 1,374 निगम वार्ड में से, द्रमुक ने अब तक 57 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक ने 7 सीटों और अन्य ने आठ सीटों पर जीत दर्ज की है. द्रमुक की सहयोगी कांग्रेस ने भी सात और माकपा ने दो वार्ड में जीत हासिल की है.

अभिनेता से नेता बने कमल हासन की पार्टी एमएनएम को 2 चुनावी हार के बाद स्थानीय निकाय तुनावों में अपना खाता खोलने की उम्मीद है. शहरी निकाय चुनाव के लिए 19 फरवरी को हुए चुनाव में 60.7 प्रतिशत मतदान हुआ था. राज्य में 200 से अधिक केन्द्रों पर सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई थी, जो अभी भी जारी है.

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नगर पालिकाओं में कुल वार्ड सदस्य सीटें 3,843 हैं जिनमें, द्रमुक ने 248 और अन्नाद्रमुक ने 79 और अन्य ने 53 पर जीत हासिल की है. नगर पंचायतों में, द्रमुक ने 1,251 वार्ड और अन्नाद्रमुक ने 354 वार्ड में जीत हासिल की है.

राजधानी चेन्नई समेत 21 शहर, 138 नगर पालिकाएं और 490 नगर पंचायतों में कुल 12,000 से अधिक सदस्यों का चुनाव होगा. चुनाव नहीं होने की वजह से पिछले पांच वर्षों में, इन निकायों में भी निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं थे.

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एमके स्टालिन के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहला मतदान है. वह अपनी पार्टी के लिए इन चुनावों में लगातार चौथी जीत की कोशिश कर रहे हैं, जबकि AIADMK लगातार तीन चुनावी हार के बाद पुनर्जीवित होने की कोशिशों में जुटी है.

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