17वीं सदी में हाथों-हथौड़ों से ताज बना, यूपी सरकार से एक सड़क नहीं बन रही: सुप्रीम कोर्ट

17वीं सदी में हाथों-हथौड़ों से ताज बना, यूपी सरकार से एक सड़क नहीं बन रही: सुप्रीम कोर्ट

ताजमहल (फाइल फोटो )

नई दिल्‍ली:

17 वी शताब्दी में हाथों और हथौड़े से ताजमहल बनाया गया और उत्तर प्रदेश सरकार से इस आधुनिक जमाने में एक सड़क नहीं बन रही। ताज कॉरिडोर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार की जमकर खिंचाई करते हुए यह टिप्‍पणी की। शीर्ष अदालत ने संदेह जताते हुए कहा कि अगर सड़क किसी पत्थर से बनाई जा रही है तो उसका भविष्य क्या होगा। क्या वह लंबे समय तक चलेगी।

कोर्ट ने कहा ऐसी सड़क का निर्माण होना चाहिए जो कम से कम 50 साल तक तो चले।  ताजमहल विश्‍व के अजूबों में से एक है और पुरे दुनिया के लोग इसे देखने आते हैं। सरकार कम से कम ऐसी सड़क बनाए जो अच्छी हो। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण (एएसआई ) से तीन हफ़्तों में जवाब मांगा है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

ग्रेनाइट की सड़क बनाना चाहती है यूपी सरकार
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ताजमहल के 500 मीटर भीतर तारकोल की जगह ग्रेनाइट की सड़क बनाना चाहती है। सुप्रीम कोर्ट ने ताज महल के पास श्‍मशान घाट बदलने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार , आगरा नगर निगम , आगरा विकास प्राधिकरण और एएसआई से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है।

जस्टिस जोसेफ के पत्र पर संज्ञान ले रहा कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ये मामला कोर्ट के ही एक साथी जज, जस्टिस कुरियन जोसफ के पत्र पर संज्ञान लेकर सुन रहा है। जस्टिस कुरियन ने अपने पत्र में ताजमहल के पास स्थित श्‍मशान घाट में चिताओं के जलने से आने वाले धुएं से ताज को होने वाले नुकसान का मुद्दा उठाया है और श्‍मशान गृह को किसी दूसरी जगह स्थानातरित करने का आग्रह किया है ताकि इससे ऐतिहासिक इमारत खराब न हो।