सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बरसों से कोर्ट में फंसे सतलुज-.यमुना नहर मामले (SYL Case) पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए पंजाब-हरियाणा को आपस में एक बैठक करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने दोनों राज्यों से कहा है कि वो आपस में बात करके बताएं कि वो खुद मुद्दे का हल निकाल सकते हैं या नहीं. शीर्ष अदालत ने मंगलवार को मामले में सुनवाई करते हुए हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्री को निर्देश देते हुए कहा कि वो आपस मे मीटिंग करके यह बताएं कि वो इस समस्या का हल निकाल सकते है या नहीं. कोर्ट ने दोनों राज्यों को मुख्यमंत्रियों को इसके लिए बैठक करने का निर्देश दिया है. अब कोर्ट अगस्त के तीसरे हफ्ते में इस मामले की सुनवाई करेगा.
बता दें कि पिछले साल जुलाई में इस मामले में आखिरी सुनवाई हुई थी, तब कोर्ट ने कहा था कि 'इस समस्या का समाधान निकलना चाहिए'. उस सुनवाई के बाद 3 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार महीनों के समय दिया था. केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि इस मामले में उन्हें आपसी बातचीत से समाधान निकालने के लिए 3 महीनों के वक्त चाहिए.
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केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि 'हम दोनों राज्य सरकारों यानी (हरियाणा सरकार और पंजाब सरकार) के संपर्क में है और बातचीत चल रही है.' इसपर शीर्ष अदालत ने कहा था कि 'आप तीन नही चार महीनों के समय लीजिए.' मामले की सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने कहा था कि 'इस मामले में एक टाइमलाइन होनी चाहिए. ऐसा न हो ये मामला अंनत काल तक चलता रहे.'
वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी कहा था कि दोनों देश मुद्दे का हल निकालने के लिए आपस में बातचीत कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि पंजाब और हरियाणा कोर्ट की ओर से निर्धारित किए गए वक्त में हल निकालने के लिए बातचीत कर रहे हैं, इसके लिए कई राउंड की बातचीत पहले ही हो चुकी है.
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क्या हैं दोनों राज्यों की मांगें?
पंजाब का कहना है कि रवि और ब्यास नदियों के पानी का बहाव कम हो गया है, ऐसे में पंजाब के लिए उसे ज्यादा पानी की जरूरत है. वहीं, हरियाणा की मांग है कि सतलुज-यमुना नहर को पूरा किया जाए, ताकि उसे 3.5 मिलियन एकड़ फीट के क्षेत्रफल का पानी मिल सके. हरियाणा का यह भी कहना है कि पंजाब को नहर के निर्माण से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के 2002 और 2003 के आदेश का पालन करने को कहा जाए, ताकि पंजाब भी रवि-ब्यास नदी के पानी की तय हिस्सेदारी दे. हरियाणा को अभी रवि-ब्यास नदी से 1.62 मिलियन एकड़ फीट जलक्षेत्र का पानी मिलता है.
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