दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है
नई दिल्ली:
देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख रुख अपनाया है. बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कई बार केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया और कहायह राष्ट्रीय राजधानी है, हम दुनिया को जो संकेत भेज रहे हैं, उसे देखिए. आप इन गतिविधियों को पहले से रोक सकते हैं ताकि गंभीर स्थिति भी न बने. आप समय रहते कार्यवाही क्यों नही करते है, दिल्ली हर बार यह मुसीबत क्यों झेले.
प्रदूषण मामले में सुप्रीम कोर्ट की 10 तल्ख टिप्पणियां
- सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक अंदाज में कहा, 'हम मामले को बंद नहीं करेंगे. हालात की समीक्षा करते रहेंगे. पराली प्रबंधन पर रिपोर्ट सरकारें रिपोर्ट दें. स्थिति बिगड़ने के बाद नहीं, पूर्वानुमान से काम करें.नौकरशाही को सक्रिय रहना चाहिए.'
- CJI ने केंद्र से पूछा, आप बताइए क्या किया गया. आपने बताया था कि 21 नवंबर से हालात ठीक होंगे. तेज हवा की वजह से हम बच गए हैं लेकिन मौसम विभाग की खबर थी कि आज शाम से फिर गंभीर हो सकते हैं.
- प्रधान न्यायाधीश (CJI) ने कहा, 'आपको पराली जलाने को रोकने के लिए प्रबंधन करना होगा वरना ये बड़ी समस्या बन जाएगी.'
- जस्टिस चंद्रचूड़ बोले, यह राष्ट्रीय राजधानी है. हम दुनिया को जो संकेत भेज रहे हैं, उसे देखिए आप इन गतिविधियों को पहले से रोक सकते हैं ताकि गंभीर स्थिति भी न बने. आप समय रहते कार्यवाही क्यों नही करते हैं? दिल्ली हर बार यह मुसीबत क्यों झेले?
- जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'जब मौसम गंभीर हो जाता है तो हम उपाय करते हैं, इन उपायों का पूर्वानुमान लगाना होगा, यह पूर्वानुमान एक सांख्यिकीय मॉडल पर आधारित होना चाहिए.'
- जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'आपको पूर्वानुमान लगाना होगा कि आगे हवा कैसी हो सकती है, उस हिसाब से कदम उठाने होंगे ताकि लोगों को आगे का पता हो क्या होगा?'
- जस्टिस चंद्रचूड़ बोले, 'एड हॉक उपायों से वास्तव में मदद नहीं मिलेगी. समस्या से वैज्ञानिक आधार पर निपटना होगा.आपको क्या कदम उठाने की जरूरत है?
- CJI ने केंद्र से कहा, 'अब निर्माण मजदूर हमारे पास आए हैं कि हमें काम करने की इजाजत दीजिए. कल किसान आ जाएंगे कि हमें पराली जलाने की इजाजत दीजिए.'
- जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, 'गोवर्धन मॉडल क्यों नहीं अपनाया जाता.यूपी हरियाणा पंजाब से पराली को उन राज्यों में भेजा जा सके जहां गाय के चारे की कमी है. '
- अदालत ने कहा, दिल्ली में एक जैसा मौसम नहीं रहता है. पांच साल का डेटा देखिए तो आप बता सकते हैं कि अगले 15 दिनों में क्या हाल रहने वाला है.हमें बहुत गंभीर स्थिति में नहीं आना है, आप समय रहते उचित कदम उठाइए.