सुप्रीम कोर्ट ने OTT प्लेटफार्म की सामग्री को नियंत्रित करने के मामले में हाईकोर्ट की सुनवाई पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है तो कोई भी हाईकोर्ट मामले की सुनवाई नहीं करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने ये कदम केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलील पर उठाया. तुषार ने अदालत को बताया था कि केंद्र की ट्रांसफर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया था. लेकिन इसके बावजूद एक हाईकोर्ट कह रहा है कि जब तक सुनवाई पर रोक नहीं लगेगी, वो सुनवाई जारी रखेगा.
जस्टिस डीवीई चंद्रचूड़ ने कहा कि वैसे जब सुप्रीम कोर्ट नोटिस जारी करता है तो ये ही माना जाता है कि हाईकोर्ट को सुनवाई नहीं करनी चाहिए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की सुनवाई पर रोक लगा दी . सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई होली के बाद करेगा. दरअसल केंद्र सरकार ने भी याचिका दाखिल कर इस मुद्दे पर अलग-अलग हाईकोर्ट में चल रहे मामलों को सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर करने की मांग की है.
'नए नियम के तहत OTT प्लेटफार्म्स के कंटेंट की कर रहे हैं निगरानी', केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
वहीं, एक अन्य खबर के मुताबिक, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि वो OTT प्लेटफार्म के कंटेनेट पर निगरानी रखे हुए है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि नए नियमों के मुताबिक OTT प्लेटफार्म जैसे नेटफ्लिक, अमेजॉन प्राइम के कंटेनेट पर निगरानी रखी जा रही है. मंत्रालय ने कहा कि OTT प्लेटफार्म को लेकर उनके पास कई शिकायतें मिली थी जिसमें MP/MLA, बुद्धिजीवियों शामिल थे. उन शिकायतों पर गौर करने के बाद इसी साल OTT प्लेटफार्म के कंटेनेट पर निगरानी के लिए एक नया नियम Information Technology Rules, 2021 लाया गया.
Video : OTT प्लेटफॉर्म पर पोर्नोग्राफी भी दिखाई जाती है : SC
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