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This Article is From Feb 12, 2018

शोपियां फायरिंग केस: SC ने कहा, मेजर आदित्य कुमार के खिलाफ FIR पर फिलहाल कोई कार्रवाई ना हो

शोपियां में पत्‍थरबाजी के दौरान सेना द्वारा फायरिंग करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सेना के मेजर आदित्य कुमार के खिलाफ एफआईआर पर अगली सुनवाई तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. इस मामले सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर सरकार और अटार्नी जनरल को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब देने को कहा है.

शोपियां फायरिंग केस: SC ने कहा, मेजर आदित्य कुमार के खिलाफ FIR पर फिलहाल कोई कार्रवाई ना हो
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
कोर्ट ने कहा, अगली सुनवाई तक कोई कार्रवाई के लिए कदम नहीं उठाया जाएगा.
कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर सरकार और अटार्नी जनरल को नोटिस जारी किया है
याचिका में 27 जनवरी को दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई है
नई दिल्ली: शोपियां में पत्‍थरबाजी के दौरान सेना द्वारा फायरिंग करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सेना के मेजर आदित्य कुमार के खिलाफ एफआईआर पर अगली सुनवाई तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. इस मामले सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर सरकार और अटार्नी जनरल को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब देने को कहा है.सेना में मेजर के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में जम्मू-कश्मीर के शोपियां में 27 जनवरी को दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की.

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10 गढ़वाल राइफल के मेजर आदित्य कुमार के पिता ने लेफ्टिनेंट कर्नल कर्मवीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान को बचाने के लिए और जान की बाज़ी लगाने वाले भारतीय सेना के जवानों के मनोबल की रक्षा की जाए. जिस तरीके से राज्य में राजनीतिक नेतृत्व द्वारा एफआईआर का चित्रण किया गया और राज्य के उच्च प्रशासन प्रोजेक्ट किया गया. इससे लगता है कि राज्य में विपरीत स्थिति है. ये उनके बेटे उनके लिए समानता के अधिकार और जीवन जीने के अधिकार का उलंघन है. 

पुलिस ने इस मामले में मेरे मेजर बेटे को आरोपी बनाकर मनमाने तरीके से काम किया है ये जानते हुए भी की वो घटना स्थल पर मौजूद नहीं था और सेना के जवान शांतिपूर्वक काम कर रहे थे. जबकि हिंसक भीड़ की वजह से वो सरकारी संपत्ति को बचाने के लिए कानूनी तौर पर कार्रवाई करने के लिए मजबूर हुए.  सेना का यह काफ़िला केंद्र सरकार के निर्देश पर जा रहा था और अपने कर्तव्य का पालन कर रहे थे. ये कदम लिया गया जब भीड़ ने पथराव किया और  हिंसक भीड़ ने कुछ जवानों को पीट पीट कर मार डालने की कोशिश की और देश विरोधी गतिविधियों के खिलाफ करवाई से रोकने की कोशिश की गई.

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इस तरह का हमला सेना का मनोबल गिराने के लिए किया गया. याचिका में मांग की गई है आतंकी गतिविधियों और सरकारी सम्पतियों को नुकसान पहुंचाने और केंद्रीय कर्मचारियों के जीवन को खतरे में डालने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और पूरे मामले की जांच दूसरे राज्य में किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए.

VIDEO: शोपियां फायरिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मेजर आदित्य के पिता

राज्य सरकार को आर्मी के मामले में इस तरह के फैसले लेने से रोका जाए और ऐसी स्थिति में सैनिकों को बचाने के लिए गाइड लाइन बनाई जाए. ड्यूटी पर तैनात सेना के जवानों को इस तरह की स्थिति में मुआवजे का प्रावधान किया जाए.

 

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