सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कसौली मामले में हिमाचल सरकार के रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिला अफसर की हत्या की बेहद दुर्भाग्यपूर्ण. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये सोच नहीं चलेगी कि अवैध निर्माण करो बाद में कोर्ट में देखेंगे और अगर तोड़-फोड़ होगी तो गोली मार देंगे. इसका असर सीधे-सीधे भविष्य पर होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिला अफसर की हत्या कोर्ट के आदेश की वजह से नहीं हुई है, बल्कि कानून को लागू ना करने पर हुई. कोर्ट ने कहा कि पूरे हिमाचल में अवैध निर्मांण हुए हैं, सरकार क्या कर रही है? पांच साल पहले मनाली में विडियोग्राफी हुई थी, लेकिन फिर भी गैर कानूनी निर्माण होते रहे. जो लोग कानून का पालन करते हैं वो दुखी हैं और जो कानून तोड़ते हैं उनको प्रोत्साहित किया जाता है.
कसौली में महिला अफ़सर की हत्या मामले पर SC ने लिया संज्ञान, कहा- 160 पुलिसवालों के होते हुए कैसे भागा आरोपी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून का शासन लागू किया जाना चाहिए ना कि कानून तोड़ने वालों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. कोर्ट ने 9 मई तक सरकार से कसौली घटना के साथ साथ राज्य में अवैध निर्माण पर पॉलिसी को लेकर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. 9 मई को अगली सुनवाई होगी.
कोर्ट ने कहा कि नारायणी गेस्ट हाउस को सुरक्षा घेरे में क्यों नहीं लिया, कल कैमरे दिखा रहे थे. सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के कसौली में कोर्ट के आदेश पर होटलों का अवैध निर्माण ढहाने गई महिला अधिकारी शैलबाला की हत्या के मामले में स्वतः संज्ञान लिया है. कोर्ट ने पर्याप्त सुरक्षा न देने और अभियुक्त के भाग जाने पर भी नाराजगी जताई है.
हिमाचल में अवैध निर्माण हटाने गई महिला अधिकारी को गोली मारी, होटल मालिक फरार
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारी अधिकारी कोर्ट के निर्देश का पालन करने के लिए अवैध निर्माण को सील करने वहां गए थे. इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने महिला अधिकारी को उचित सुरक्षा मुहैया न करवाने को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने इस मामले को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि अगर आप लोगों की जान लेंगे तो हम शायद कोई भी आदेश जारी करना बंद कर दें.
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अभियान के दौरान सरकारी अधिकारियों के साथ गया पुलिस दल उस समय क्या कर रहा था, जब होटल मालिक ने महिला अधिकारी को कथित तौर पर गोली मारी. हिमाचल सरकार की ओर से पेश वकील ने बताया कि सरकारी अधिकारियों पर गोली चलाने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। इस घटना में महिला अधिकारी की मौत हो गई, जबकि लोक निर्माण विभाग का एक कर्मचारी घायल हो गया था.
जंगल की आग हिमाचल में कसौली के बोर्डिंग स्कूल तक पहुंची, सभी बच्चे सुरक्षित
दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सोलन के कसौली में मंगलवार को होटलों का अवैध निर्माण हटाने पहुंची सहायक नगर नियोजन (एटीपी) अधिकारी की होटल व्यवसायी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस बल के सामने ही व्यवसायी ने करीब चार राउंड फायर किए, जिसमें एक गोली एटीपी (कसौली) शैल बाला शर्मा के मुंह पर और एक लोक निर्माण विभाग के बेलदार गुलाब सिंह के सीने पर जा लगी. शैल बाला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गुलाब सिंह को पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर किया गया. घटना के बाद से व्यवसायी हथियार लेकर जंगल की तरफ भाग निकला. पुलिस ने उसकी सूचना देने पर एक लाख रुपये इनाम रखा है.
VIDEO: कसौली मर्डर केस: आरोपी गिरफ्त से दूर, कोई सुराग नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिला अफसर की हत्या कोर्ट के आदेश की वजह से नहीं हुई है, बल्कि कानून को लागू ना करने पर हुई. कोर्ट ने कहा कि पूरे हिमाचल में अवैध निर्मांण हुए हैं, सरकार क्या कर रही है? पांच साल पहले मनाली में विडियोग्राफी हुई थी, लेकिन फिर भी गैर कानूनी निर्माण होते रहे. जो लोग कानून का पालन करते हैं वो दुखी हैं और जो कानून तोड़ते हैं उनको प्रोत्साहित किया जाता है.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून का शासन लागू किया जाना चाहिए ना कि कानून तोड़ने वालों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. कोर्ट ने 9 मई तक सरकार से कसौली घटना के साथ साथ राज्य में अवैध निर्माण पर पॉलिसी को लेकर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. 9 मई को अगली सुनवाई होगी.
कोर्ट ने कहा कि नारायणी गेस्ट हाउस को सुरक्षा घेरे में क्यों नहीं लिया, कल कैमरे दिखा रहे थे. सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के कसौली में कोर्ट के आदेश पर होटलों का अवैध निर्माण ढहाने गई महिला अधिकारी शैलबाला की हत्या के मामले में स्वतः संज्ञान लिया है. कोर्ट ने पर्याप्त सुरक्षा न देने और अभियुक्त के भाग जाने पर भी नाराजगी जताई है.
हिमाचल में अवैध निर्माण हटाने गई महिला अधिकारी को गोली मारी, होटल मालिक फरार
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारी अधिकारी कोर्ट के निर्देश का पालन करने के लिए अवैध निर्माण को सील करने वहां गए थे. इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने महिला अधिकारी को उचित सुरक्षा मुहैया न करवाने को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने इस मामले को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि अगर आप लोगों की जान लेंगे तो हम शायद कोई भी आदेश जारी करना बंद कर दें.
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अभियान के दौरान सरकारी अधिकारियों के साथ गया पुलिस दल उस समय क्या कर रहा था, जब होटल मालिक ने महिला अधिकारी को कथित तौर पर गोली मारी. हिमाचल सरकार की ओर से पेश वकील ने बताया कि सरकारी अधिकारियों पर गोली चलाने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। इस घटना में महिला अधिकारी की मौत हो गई, जबकि लोक निर्माण विभाग का एक कर्मचारी घायल हो गया था.
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दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सोलन के कसौली में मंगलवार को होटलों का अवैध निर्माण हटाने पहुंची सहायक नगर नियोजन (एटीपी) अधिकारी की होटल व्यवसायी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस बल के सामने ही व्यवसायी ने करीब चार राउंड फायर किए, जिसमें एक गोली एटीपी (कसौली) शैल बाला शर्मा के मुंह पर और एक लोक निर्माण विभाग के बेलदार गुलाब सिंह के सीने पर जा लगी. शैल बाला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गुलाब सिंह को पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर किया गया. घटना के बाद से व्यवसायी हथियार लेकर जंगल की तरफ भाग निकला. पुलिस ने उसकी सूचना देने पर एक लाख रुपये इनाम रखा है.
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