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This Article is From Nov 15, 2021

राशन की डोर स्टेप डिलीवरी मामला : SC ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार किया

केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट के 'मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना' को लागू करने की अनुमति देने के आदेश को चुनौती दी है. अपनी याचिका में केंद्र ने कहा है कि यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के उल्लंघन में एक समानांतर PDS चलाने का प्रयास है जिसका लाभार्थियों पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है.

राशन की डोर स्टेप डिलीवरी मामला : SC ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार किया
दिल्ली सरकार ने कहा है कि वो 22 नवंबर तक योजना को लागू नहीं करेगी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

आप सरकार की 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' के खिलाफ केंद्र सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार किया है. उधर दिल्ली सरकार ने भी कहा है कि वो 22 नवंबर तक योजना को लागू नहीं करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट को 22 नवंबर को सुनवाई करने का निर्देश दिए हैं. केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट के 'मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना' को  लागू करने की अनुमति देने के आदेश को चुनौती दी है. अपनी याचिका में केंद्र ने कहा है कि यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के उल्लंघन में एक समानांतर PDS चलाने का प्रयास है जिसका लाभार्थियों पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है. केंद्र ने कहा है कि HC ने दिल्ली सरकार की योजना के हानिकारक प्रभाव पर केंद्र को सुने बिना ही योजना को लागू करने की अनुमति दी है. 

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केंद्र सरकार का कहना है कि यह योजना जरूरतमंदों को राशन वितरण पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत चलती है. इसके महत्वपूर्ण प्रतिकूल प्रभावों में से एक "एक राष्ट्र एक राशन कार्ड" योजना के कार्यान्वयन पर होगा, जिसे केंद्र सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों को लाभान्वित करने के लिए शुरू किया गया था. इसके जरिए भारत में कहीं भी अपने कार्यस्थल पर राशन की दुकानों से बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण से राशन प्राप्त किया जा सकता है.

केंद्र ने AAP सरकार पर राशन की दुकानों पर ePOS मशीनें लगाने और 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' योजना को लागू करने में विफल रहने का आरोप लगाया है. केंद्र का कहना है कि दिल्ली सरकार अब इन मामलों में अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए अब NFSA के उल्लंघन में एक नई योजना शुरू करने का प्रयास कर रही है.

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दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को लोगों को घर में राशन पहुंचाने की स्कीम को मंजूरी दी थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि लेकिन उचित दर पर दुकानों में राशन की कमी नहीं होनी चाहिए. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह सभी उचित मूल्य की दुकानों  को उन कार्डधारकों की जानकारी दें जिन्होंने घर पर ही राशन प्राप्त करने का विकल्प चुना है. 

कोर्ट ने कहा कि इसके बाद उचित मूल्य के दुकानदारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के उन लाभार्थियों को राशन की आपूर्ति करने की जरूरत नहीं पड़ेगी जिन्होंने घर पर ही राशन प्राप्त करने का विकल्प चुना है. ऐसे में इन दुकानों पर ऐसे लोगों का राशन भेजे जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने कहा था, हम इसलिए 22 मार्च 2021 को दिए अपने आदेश में संशोधन कर रहे हैं. दिल्ली सरकार पहले प्रत्येक उचित मूल्य के दुकान चला रहे व्यक्ति को पत्र लिखकर उन राशन कार्ड धारकों की जानकारी दे, ​जिन्होंने घर पर ही राशन प्राप्त करने का विकल्प चुना है, उसके बाद ही इस विकल्प का चुनाव करने वालों को उचित मूल्य की दुकान से राशन की आपूर्ति करने की जरूरत नहीं होगी.

ऐसे में राशन दुकानदारों को पता होगा कि किन लोगों के घर राशन पहुंच रहा है. केंद्र के अलावा राशन डीलरों ने भी हाईकोर्ट के आदेशों को चुनौती दी है.

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