प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई डांस बार मामले में साफ किया है कि बार में डांस के वक्त पैसे उड़ाने की इजाजत नहीं दी जा सकती. यह महिलाओं के गौरव, सभ्यता और शिष्टाचार के खिलाफ है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पैसे उड़ाने से महिलाओं को बुरा लगेगा या अच्छा. इस मामले को लेकर महाराष्ट्र सरकार को नए एक्ट पर नोटिस देकर कोर्ट ने चार हफ्ते में जवाब मांगा है.
डांस बारों में नोट उड़ाने को लेकर राज्य सरकार ने भी नए एक्ट में बैन लगाया है. इसका सुप्रीम कोर्ट ने भी समर्थन किया है.सुनवाई के दौरान डांस बार वालों की तरफ से कहा गया कि राज्य सरकार ने जो नया एक्ट बनाया है उसमें कई खामियां हैं. अश्लील डांस करने पर तीन साल की सजा की प्रावधान रखा गया है जबकि IPC में अश्लीलता के तहत तीन माह की सजा का प्रावधान है. एक्ट में कहा गया है कि अगर डांस बार का लाइसेंस है तो आर्केस्ट्रा का लाइसेंस नहीं मिलेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की वह दलील भी ठुकराई जिसमें कहा गया था कि मामले को बॉम्बे हाईकोर्ट भेजा जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि नया एक्ट सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही वैधानिक तरीके से लाया गया. जब कोर्ट ने कहा कि डांस बारों पर प्रतिबंध मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. इसलिए इस नए एक्ट को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ही सुनेगा.
सुप्रीम कोर्ट इंडियन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. एसोसिएशन ने राज्य सरकार के नए एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनोती दी है. इंडियन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने महाराष्ट्र सरकार के नए एक्ट महाराष्ट्र प्रोहिबिशन ऑफ़ ऑब्सेंस डांस इन होटल एंड बार रूम्स एंड प्रोटेक्शन ऑफ़ डिग्निटी ऑफ़ वीमेन एक्ट 2016 एक्ट चुनोती दी है. याचिका में कहा गया है कि यह एक्ट असंवैधानिक है. इससे पहले कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाते हुए नियमों का पालन करने वाले डांस बारों को लाइसेंस देने के आदेश दिए थे. एक्ट के मुताबिक, 11 बजे के बाद बार होटल एंड रेस्टोरेंट में शराब नहीं परोसी जाएगी. इसके अलावा पैसे भी नहीं लुटाए जाएंगे. होटल एंड रेस्टोरेंट में सीसीटीवी लगेंगे.
डांस बारों में नोट उड़ाने को लेकर राज्य सरकार ने भी नए एक्ट में बैन लगाया है. इसका सुप्रीम कोर्ट ने भी समर्थन किया है.सुनवाई के दौरान डांस बार वालों की तरफ से कहा गया कि राज्य सरकार ने जो नया एक्ट बनाया है उसमें कई खामियां हैं. अश्लील डांस करने पर तीन साल की सजा की प्रावधान रखा गया है जबकि IPC में अश्लीलता के तहत तीन माह की सजा का प्रावधान है. एक्ट में कहा गया है कि अगर डांस बार का लाइसेंस है तो आर्केस्ट्रा का लाइसेंस नहीं मिलेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की वह दलील भी ठुकराई जिसमें कहा गया था कि मामले को बॉम्बे हाईकोर्ट भेजा जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि नया एक्ट सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही वैधानिक तरीके से लाया गया. जब कोर्ट ने कहा कि डांस बारों पर प्रतिबंध मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. इसलिए इस नए एक्ट को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ही सुनेगा.
सुप्रीम कोर्ट इंडियन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. एसोसिएशन ने राज्य सरकार के नए एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनोती दी है. इंडियन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने महाराष्ट्र सरकार के नए एक्ट महाराष्ट्र प्रोहिबिशन ऑफ़ ऑब्सेंस डांस इन होटल एंड बार रूम्स एंड प्रोटेक्शन ऑफ़ डिग्निटी ऑफ़ वीमेन एक्ट 2016 एक्ट चुनोती दी है. याचिका में कहा गया है कि यह एक्ट असंवैधानिक है. इससे पहले कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाते हुए नियमों का पालन करने वाले डांस बारों को लाइसेंस देने के आदेश दिए थे. एक्ट के मुताबिक, 11 बजे के बाद बार होटल एंड रेस्टोरेंट में शराब नहीं परोसी जाएगी. इसके अलावा पैसे भी नहीं लुटाए जाएंगे. होटल एंड रेस्टोरेंट में सीसीटीवी लगेंगे.
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