एक पूर्व लॉ इंटर्न पर यौन हमले के आरोपों से घिरे जस्टिस एके गांगुली पर दायर की गई दो पीआईएल को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। एक याचिका जस्टिस एके गांगुली के समर्थन में दी गई थी। इस याचिका में जस्टिस गांगुली पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया गया था। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार करते हुए उसे खारिज कर दिया जबकि दूसरी याचिका जस्टिस गांगुली के खिलाफ लगाई गई थी, जिसमें मांग की गई थी कि गांगुली पर एफआईआर दर्ज किया जाए। इस याचिका को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एके गांगुली ने आज कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बारे में अभी तक फैसला नहीं किया है।
हालांकि, उन्होंने पूर्व अटार्नी जनरल सोली सोराबजी के साथ टेलीफोन पर हुई अपनी बातचीत के बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
सोराबजी ने कल कहा था कि न्यायमूर्ति गांगुली ने उन्हें टेलीफोन किया और कहा कि वह पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग (डब्ल्यूबीएचआरसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की सोच रहे हैं।
न्यायमूर्ति गांगुली ने कहा, मैंने इसके बारे में अखबारों में पढ़ा है। मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं, गांगुली ने कहा, मैंने अभी तक कुछ भी तय नहीं किया है।
(इनपुट्स भाषा से भी)
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