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This Article is From Nov 19, 2020

'UPSC जिहाद': सुदर्शन TV के शो पर सुनवाई 2 हफ्ते टली, SC जजों ने नहीं पढ़ा हलफनामा

जजों ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा दायर हलफनामा नहीं पढ़ा है. केंद्र ने अपने हलफनामे में शो के कुछ हिस्सों को संशोधित और बदलकर दिखाने की इजाजत दी है. इस शो में दावा किया जा रहा था कि सिविल सर्विस में ‘मुसलमान घुसपैठ कर रहे हैं.’ इसमें इस बात का खुलासा करने का दावा किया जा रहा था.

'UPSC जिहाद': सुदर्शन TV के शो पर सुनवाई 2 हफ्ते टली, SC जजों ने नहीं पढ़ा हलफनामा
सुप्रीम कोर्ट के जजों ने कहा है कि उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा दायर हलफनामा नहीं पढ़ा है.
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने सुदर्शन टीवी के विवादित शो 'बिदास बोल' पर सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दी है. जजों ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा दायर हलफनामा नहीं पढ़ा है. केंद्र ने अपने हलफनामे में शो के कुछ हिस्सों को संशोधित और बदलकर दिखाने की इजाजत दी है. इसके साथ ही केंद्र ने सुदर्शन चैनल के शो ‘बिंदास बोल' के बारे में सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि यह प्रोग्राम कोड का उल्लंघन करता है और इसका तरीका भी अच्छा नहीं है. यह सांप्रदायिक भावना को फैलाने वाला है. 

केंद्र ने यह भी कहा है कि आगे से बिना परिवर्तन के इस शो का प्रसारण नहीं किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करके केंद्र ने सूचना प्रसारण मंत्रालय के 4 नवंबर को दिए गए आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि ब्रॉडकास्टर के सभी अधिकारों और परिस्थितियों के बीच के संतुलन को देखते हुए और सभी तथ्यों पर ध्यान देने के बाद यही निर्णय लिया गया है कि सुदर्शन टीवी को भविष्य में सावधानी से कार्यक्रमों का प्रसारण करना चाहिए.

आदेश में यह भी कहा गया था कि अगर आगे से कार्यक्रम के नियमों का उल्लंघन किया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. 15 सितंबर को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, इंदु मल्होत्रा और केएम जोसेफ की एक बेंच ने बिंदास बोल शो के बचे हुए एपिसोड्स पर रोक लगा दी थी. 

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इस शो में दावा किया जा रहा था कि सिविल सर्विस में ‘मुसलमान घुसपैठ कर रहे हैं.' इसमें इस बात का खुलासा करने का दावा किया जा रहा था. बेंच ने भी कहा था कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य मुस्लिमों को टारगेट करना है. 26 अक्टूबर को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि मंत्रालय इसके सारे रेकॉर्ड रखेगा.

4 नवंबर में मंत्रालय के आदेश में कहा गया था कि अभिव्यक्ति की आजादी मौलिक अधिकार है लेकिन इस शो का तरीका ऐसा है कि प्रोग्राम कोड का उल्लंघन हो रहा है. मंत्रालय ने यह भी कहा था कि कार्यक्रम में किसी एक धर्म को नहीं बल्कि जकात फाउंडेशन ऑफ इंडिया को टारगेट किया जा रहा है.  हालांकि मंत्रालय ने कहा था कि इससे यूपीएसस और एक समुदाय की छवि धूमिल हो रही है.  

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मंत्रालय ने कहा था कि बिना परिवर्तन के इस शो के बाकी एपिसोड प्रसारित न किए जाएँ. कार्यक्रम के प्रसारण से पहले मंत्रालय को रिपोर्ट करना भी जरूरी होगा. कोर्ट ने कहा कि इस दौरान जिस भी पार्टी को जवाब दाखिल करना है कर सकता है.

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