सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) ने केंद्र सरकार की जस्टिस बोस और जस्टिस बोपन्ना की नियुक्ति पर आपत्तियों को खारिज कर दिया है. केंद्र की दलील को खारिज करते हुए जस्टिस अनिरुद्ध बोस (Justice Aniruddha Bose) और जस्टिस एएस बोपन्ना (Justice AS Bopanna) की सुप्रीम कोर्ट में जज की नियुक्ति की लेकर सिफारिश एक बार फिर केंद्र सरकार के पास भेजी गई है. कॉलेजियम ने कहा है कि वरिष्ठता पर मेरिट को तरजीह दी जानी चाहिए. बता दें, केंद्र सरकार ने कॉलेजियम की सिफारिश को नकार दिया था. सरकार ने वरिष्ठता का हवाला देकर जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस एएस बोपन्ना की सिफारिश पर कॉलेजियम को फिर से विचार करने को कहा था.
इसके साथ ही कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के जज जस्टिस बीआर गवई और हिमाचल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सूर्यकांत को सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज नियुक्त करने की सिफारिश केंद्र को भेजी है.
Supreme Court Collegium comprising five judges recommends elevation of Justice Bhushan Ramkrishna Gavai and Justice Surya Kant as judges of the Supreme Court. pic.twitter.com/XBa2l6VFE3
— ANI (@ANI) May 9, 2019
सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम की सिफारिश सरकार ने नकारी
कॉलेजियम ने 12 अप्रैल को झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अनिरुद्ध बोस और गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एएस बोपन्ना को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त करने की सिफारिश की थी. सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के 31 पद स्वीकृत हैं. फिलहाल न्यायालय में 27 न्यायाधीश हैं.
न्यायमूर्ति बोस न्यायाधीशों की अखिल भारतीय वरिष्ठता के क्रम में 12वें नंबर पर हैं. उनका मूल उच्च न्यायालय कलकत्ता उच्च न्यायालय रहा है. न्यायमूर्ति बोपन्ना वरिष्ठता क्रम में 36वें नंबर पर हैं. पिछले साल जब न्यायमूर्ति बोस के नाम की सिफारिश दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद के लिए की गयी थी तब भी सरकार ने उनका नाम लौटा दिया था.
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