
सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
कुष्ठ रोगियों के अधिकारों के लिए आगे आया सुप्रीम कोर्ट
कहा-केंद्र और राज्य सरकार करें भलाई के काम
दिए जाएं जूते और बीपीएल कार्ड
कुष्ठ रोगियों से भेदभाव का मामला: केंद्र का सुप्रीम कोर्ट में जवाब, अगले हफ्ते कैबिनेट में लाएंगे बिल
बता दें कि इससे पहले इसी साल अप्रैल में हुई सुनवाई के दौरा कुष्ठ रोगियों से भेदभाव के मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि ऐसे कानून जो कुष्ठ रोगियों से भेदभाव करते हैं, उन्हें दूर रहने को इस बाबत एक बिल लाने जा रही है. ASG पिंकी आनंद ने कोर्ट को बताया कि अगले हफ्ते कैबिनेट में इस मामले को भेजा जाएगा. वहीं सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि टीबी की तरह कुष्ठ रोग को भी जड़ से खत्म किया जा सकता है. इसमें कोई विवाद नहीं है और किसी भी पीड़ित को पीड़ा का सामना न करना पड़े.
सुप्रीम कोर्ट में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, सिक्किम, महाराष्ट्र और मणिपुर ने जवाब दाखिल करते हुए अपने यहां की स्थिति साफ की. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को अपने कानूनों की जांच करने और सुधारात्मक उपाय करने का निर्देश दिया था ताकि कुष्ठ रोगियों से प्रभावित व्यक्तियों के खिलाफ ऐसा कोई भेदभाव न हो. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता तीन जजों की बेंच ने 119 प्रावधानों को चुनौती देने वाली हुए विधि की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश जारी किया, जो कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों के साथ भेदभाव करते हैं.
वीडियो-बेसहारा कुष्ठरोगी संभाल रहे अस्पताल की जिम्मेदारी!
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं