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हक की उठाई आवाज, तो लाठियों से मिला जवाब... SSC के खिलाफ सड़कों पर उतरे छात्रों ने सुनाई आपबीती

Ssc Exam Students Protest : छात्र ने बताया कि हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रख रहे थे. लेकिन पुलिस ने हमारे इंग्लिश टीचर संजीव सर का हाथ तोड़ दिया और नीतू मैम को घसीटते हुए ले जाया गया. जब हम सिर्फ यह पूछ रहे थे कि परीक्षा में फोन कैसे अंदर जा सकता है, तो हमें पीटा गया.

हक की उठाई आवाज, तो लाठियों से मिला जवाब... SSC के खिलाफ सड़कों पर उतरे छात्रों ने सुनाई आपबीती
नई दिल्ली:

देशभर के हजारों छात्र इन दिनों कर्मचारी चयन आयोग (SSC) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. यह विरोध SSC की परीक्षा प्रक्रिया में कथित कुप्रबंधन और अनियमितताओं को लेकर है. छात्रों को इस आंदोलन में उनके शिक्षकों का भी समर्थन मिल रहा है. प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि जब हमने अपने हक की आवाज उठाई, तो हमें लाठियों से जवाब मिला. छात्रों की मांग है कि परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाई जाए, तकनीकी खामियों को दूर किया जाए और शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार सुनिश्चित किया जाए.

छात्र ने बताया कि हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रख रहे थे. लेकिन पुलिस ने हमारे इंग्लिश टीचर संजीव सर का हाथ तोड़ दिया और नीतू मैम को घसीटते हुए ले जाया गया. जब हम सिर्फ यह पूछ रहे थे कि परीक्षा में फोन कैसे अंदर जा सकता है, तो हमें पीटा गया.

'खराब सुरक्षा व्यवस्था और घटिया क्वालिटी के पेन...'
एक अन्य छात्रों का कहना है कि परीक्षा केंद्रों की स्थिति बेहद खराब थी. दूर-दराज़ की लोकेशन, टूटी सड़कें, खराब सुरक्षा व्यवस्था और घटिया क्वालिटी के पेन. आप कहते हैं कि सिर्फ दो-तीन मिनट खराब हुए. लेकिन उन्हीं मिनटों में एक होनहार छात्र चार सवाल हल कर सकता है.

'50-55 हजार बच्चों के साथ ही तो गलत हुआ..'
प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि SSC के अधिकारी छात्रों की शिकायतों को गंभीरता से नहीं ले रहे. जब CPO का रिजल्ट पूछा गया तो अधिकारी ने कहा कि लैपटॉप में पड़ा है, उठा ले जाओ और जब छात्रों की पिटाई की बात की गई तो जवाब मिला. 50-55 हजार बच्चों के साथ ही तो गलत हुआ है. क्या ये मजाक है.

छात्रों ने यह भी बताया कि कई प्रश्नों के उत्तर गलत थे और उत्तरमाला में भारी गड़बड़ी थी. हमने खुद पेपर देखा है, आंसर मैच नहीं कर रहे. यह हमारे मौलिक अधिकारों का हनन है. हमें न बोलने दिया जा रहा है, न विरोध करने. आवाज उठाओ तो लाठी चलती है.

प्रदर्शन में शामिल कई छात्रों का कहना है कि वे परीक्षा देने नहीं जा पाए, क्योंकि उन्हें हिरासत में ले लिया गया या प्रदर्शन के दौरान घायल हो गए. एक छात्र ने कहा कि मैं उत्तराखंड से आया था. लेकिन अब मेरा एग्जाम छूट गया.

'संजीव सर का हाथ तोड़ दिया...'
सौरभ यादव ने बताया कि SSC में जो धांधली हो रही है, वह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. परीक्षा केंद्रों पर बच्चों के साथ मारपीट की गई. हमारे इंग्लिश टीचर संजीव सर का हाथ तोड़ दिया गया और नीतू मैम को घसीटते हुए ले जाया गया. उन्होंने यह भी कहा कि कल टीचर्स डेलीगेट्स चेयरमैन से मिलने आए थे. लेकिन उन्हें डिटेन कर लिया गया. सभी टीचर्स ने वीडियो बनाकर छात्रों से दिल्ली कूच का आह्वान किया. अब हम जंतर-मंतर पर हैं और हमारी एक ही मांग है. बच्चों के लिए निष्पक्ष परीक्षा प्रणाली हो.

सौरभ ने SSC की पुरानी गड़बड़ियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि 2017 में भी यही सब शुरू हुआ था. पेपर लीक, अंदर पर्चियां, टियर-2 पेपर सॉल्व. अब वही दोहराया जा रहा है सौरभ यादव ने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को यह कहकर रोका कि मानसून सत्र चल रहा है और धारा 144 लागू है, इसलिए चार से अधिक लोग इकट्ठा नहीं हो सकते. लेकिन आंदोलन जहां भी होता है, वहां सिक्योरिटी कंसर्न्स होते हैं. यह बच्चों की हक की आवाज है, कोई खतरा नहीं.

एक छात्र ने कहा कि लाठीचार्ज आखिरी विकल्प होता है, जब जान-माल का खतरा हो. लेकिन यहां तो शिक्षक शांतिपूर्वक अधिकारी से मिलने जा रहे थे. वे पढ़े-लिखे लोग हैं, जो हमें सिखाते हैं. अगर वे शांतिपूर्वक खड़े हो सकते हैं, तो क्या हमें इतनी भी आजादी नहीं कि हम अपनी बात कह सकें.

उन्होंने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार है. लेकिन जब हमने आवाज उठाई, तो हमें लाठियों से जवाब मिला. हमारे शिक्षकों को मारा गया, जेल में डाला गया. रात 12 बजे तक उन्हें हिरासत में रखा गया. इस आंदोलन में शामिल छात्रों का कहना है कि यह सिर्फ एक विरोध नहीं, बल्कि रिफॉर्म की लड़ाई है. वे तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक SSC की परीक्षा प्रणाली में सुधार नहीं होता.

मनीष कुमार झा की रिपोर्ट

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