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This Article is From Nov 28, 2017

सुप्रीम कोर्ट ने दार्जिलिंग से सुरक्षा बलों की चार कंपनियां हटाने की इजाजत दी

केंद्र ने कहा पश्चिम बंगाल सरकार के पास बल मौजूद है, इस तरह की याचिका पर सुनवाई नहीं होनी चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने दार्जिलिंग से सुरक्षा बलों की चार कंपनियां हटाने की इजाजत दी
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दार्जिलिंग और कलिंगपोंग की पहाड़ियों से सुरक्षा बलों की चार और कंपनियां हटाने की अनुमति दे दी है. सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई जनवरी के पहले हफ्ते में करेगा.

सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से एजी ने कहा कि दार्जिलिंग में हालात अब काबू में हैं और हाईवे भी क्लियर हो चुका है. केंद्र को ये सुरक्षा बल कहीं ओर तैनात करने चाहिए. असम में केंद्रीय सुरक्षा बलों की 300 से ज्यादा कंपनियां तैनात हैं क्योंकि वहां विदेशियों की पहचान का बड़ा काम चल रहा है. अब केंद्र को गुजरात चुनाव के लिए सुरक्षा बल चाहिए. वैसे भी राज्य सरकार के पास बल मौजूद है. इस तरह की याचिका पर सुनवाई नहीं होनी चाहिए क्योंकि ये याचिका विपरीत प्रभाव डालने वाली है. यह केंद्र सरकार का अधिकार है कि वह कितना बल कहां तैनात करे.

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पश्चिम बंगाल की ममता सरकार की ओर से इसका विरोध किया गया. कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति की जा रही है. पहले केंद्र ने हिमाचल प्रदेश में चुनाव के नाम पर सात कंपनियां बल हटा ली थीं, लेकिन अब चुनाव हो चुके हैं. राज्य सरकार ने हालात का जायजा लेने के लिए कमेटी भी बनाई है.

25 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सुरक्षाबलों की सात कंपनियां हटाने की मंजूरी दी थी. कहा था कि आठ कंपनी वहीं रहेंगी. कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए कहा था कि मामले की सुनवाई हाईकोर्ट नहीं करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये अंतरिम आदेश है और कोर्ट ये सुनवाई भी करेगा कि ऐसे मामलों की सुनवाई की जा सकती है या नहीं. केंद्र सरकार की ओर से एएसजी मनिंदर सिंह ने कहा कि केंद्र को भी हालात की चिंता है. ऐसे मामलों की सुनवाई कोर्ट में नहीं होनी चाहिए जिसमें सुरक्षा बलों की संख्या व तैनाती की बात हो.

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दरअसल सुरक्षा बल हटाए जाने के फैसले पर कलकत्ता हाई कोर्ट की रोक के खिलाफ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि दार्जिलिंग व कलिंगपोंग की पहाड़ियों से सुरक्षा बल को हटाकर वह जम्मू-कश्मीर बॉर्डर सहित दूसरी सीमाओं पर तैनात करना चाहते है.

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पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र के दार्जिलिंग से केंद्रीय बलों को हटाने के फैसले पर रोक के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट में अपील दायर की थी. इस पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने केंद्र को 23 अक्टूबर तक इस मामले में शपथ पत्र देने का आदेश दिया था. वहीं राज्य सरकार को 26 अक्टूबर तक शपथ पत्र देना था. केंद्र को आदेश दिया गया था कि अगले आदेश तक दार्जिलिंग से फोर्स नहीं हटाएंगे. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दार्जिलिंग से सीआरपीएफ (सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स) की 15 कंपनियों को हटाकर 10 करने का आदेश जारी किया था जिसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से आग्रह किया था कि दार्जिलिंग की पहाड़ियों से सुरक्षा बलों को न हटाया जाए.

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