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This Article is From Dec 16, 2019

झारखंड में बीजेपी के इस पूर्व सहयोगी ने दिया संकेत, चुनाव बाद किसी भी पार्टी से मिला सकते हैं हाथ

आजसू पार्टी ने 2104 विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ गठबंधन करके लड़ा था. पार्टी ने आठ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जिनमें से उसने पांच पर जीत दर्ज की थी.

झारखंड में बीजेपी के इस पूर्व सहयोगी ने दिया संकेत, चुनाव बाद किसी भी पार्टी से मिला सकते हैं हाथ
आजसू ने 53 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
Quick Take
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बीजेपी पर लगाया स्थानीय मुद्दे नजरंदाज करने का आरोप
बीजेपी और कांग्रेस को बताया एक जैसा
सुदेश महतो बोले, ‘अबकी बार गांव की सरकार’
रांची:

झारखंड में बीजेपी की पूर्व सहयोगी आजसू पार्टी ने रविवार को संकेत दिया कि वह ऐसी किसी भी पार्टी के साथ चुनाव बाद गठबंधन के लिए तैयार है जो उसके बेहतर एवं समावेशी शासन के एजेंडे को पूरा करती हो. आजसू पार्टी के प्रमुख सुदेश महतो ने कहा कि पार्टी के लिए उसका मिशन ‘अबकी बार गांव की सरकार' सर्वेपरि है जो गांवों को शासन प्रणाली का मूलभूत हिस्सा बनाने के लिए है. उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों राष्ट्रीय पार्टियां एक जैसी हैं और दोनों ने राज्य को नजरंदाज किया. 

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यह पूछे जाने पर कि राज्य में खंडित जनादेश आने पर उनकी पार्टी किसका समर्थन करेगी, उन्होंने पीटीआई से फोन पर कहा, ‘‘मैं किसी पार्टी या व्यक्ति की सरकार नहीं बनाना चाहता. मैं झारखंड के लोगों की सरकार चाहता हूं जो लोगों के समग्र विकास के लिए काम करे..मेरे लिए कांग्रेस और भाजपा एक जैसी हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए हमारा एजेंडा ‘अबकी बार, गांव की सरकार' सबसे महत्वपूर्ण है. यह शासन, वितरण प्रणाली और गांवों को इसका मूलभूत हिस्सा बनाने पर जोर देता है. हम महात्मा गांधी के स्वराज के सपने को साकार करना चाहते हैं.'' 

महतो ने अपनी पार्टी की पूर्ववर्ती सहयोगी बीजेपी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पार्टी स्थानीय मुद्दों को महत्व दिये बिना चुनाव जीतना चाहती है. उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी का ‘अबकी बार 65 पार' का नारा कहां है? पार्टी ने इसे अब उठाना बंद कर दिया है और इसके बजाय राम मंदिर के बारे में बातें कर रही है. वह स्थानीय मुद्दों को नजरंदाज करके चुनाव नहीं जीत सकती.'' उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने भरोसा दिया था कि अयोध्या मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर कोई राजनीति नहीं होगी लेकिन अब वह राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान मंदिर मुद्दा उठा रहे हैं.

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यह पूछे जाने पर कि क्या संशोधित नागरिकता कानून का चुनाव पर प्रभाव होगा, महतो ने कहा कि ये  ध्यान बंटाने की रणनीति काम नहीं करेगी. आजसू पार्टी ने 2104 विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ गठबंधन करके लड़ा था. पार्टी ने आठ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जिनमें से उसने पांच पर जीत दर्ज की थी. इस बार पार्टी अकेले चुनाव लड़ रही है और 81 सदस्यीय विधानसभा में 53 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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