कोरोना से लड़ने में कामयाबी? राजस्‍थान में दो इतालवी नागरिकों का हुआ सफल इलाज

मरीज़ों पर स्वाइन फ्लू और मलेरिया में इस्तेमाल होने वाले एंटी वायरल ड्रग्स के कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल किया

खास बातें

  • कोरोना संक्रमित 69 साल का शख्स और उसकी पत्नी दोनों ठीक हो रहे
  • डॉक्टरों का स्वाइन फ्लू के इलाज का अनुभव काम आया
  • फिलहाल इसे कोरोना के इलाज का वैज्ञानिक तरीक़ा नहीं माना जाएगा
जयपुर:

राजस्थान के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने कोरोना वायरस (Coronavirus) से पीड़ित दो इतालवी नागरिकों के इलाज में काफी कामयाबी हासिल की है. डॉक्टरों और स्वास्थ्य सचिव ने एनडीटीवी से बातचीत में इसकी पुष्टि की है. कोरोना संक्रमित 69 साल का इतालवी नागरिक और उसकी पत्नी दोनों ठीक होने लगे हैं. वे पहले से बेहतर हैं. डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने मरीज़ों पर स्वाइन फ्लू और मलेरिया में इस्तेमाल होने वाले एंटी वायरल ड्रग्स के कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल किया. दो साल पहले स्वाइन फ्लू के इलाज का उनका अनुभव इस मामले में काम आया.

डॉक्टरों ने अपने अनुभव आईसीएमआर से शेयर भी किए. हालांकि इससे यह नतीजा निकालना जल्दबाज़ी होगी कि ये कोरोना (Coronavirus) के इलाज का वैज्ञानिक तरीक़ा है. अभी कुछ और मरीज़ों पर इस तरह की दवाइयों का प्रयोग करने की ज़रूरत है. इस पर काफ़ी शोध की अभी ज़रूरत है.

सरकार के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के अब तक 84 मामले सामने आ चुके हैं. सबसे ज्यादा केरल में 19 मामले दर्ज हुए हैं जबकि महाराष्ट्र में 14 मामले आ चुके हैं. वहीं, दिल्ली में 7 केस दर्ज हुए हैं. अन्य राज्यों की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश में 11, लद्दाख में 3, कर्नाटक में 6, जम्मू कश्मीर में 2 और आंध्रप्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, राजस्थान में 1-1 मामले सामने आ चुके हैं. अब तक सामने आए 84 मामलों में 67 भारतीय हैं जबकि 17 विदेशी नागरिक हैं. कुल मिलाकर देश के 13 राज्यों से कोरोना के पॉजिटिव मामले सामने आए हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस विषाणु से संक्रमित पाए गए सात व्यक्तियों को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है. उनमें पांच उत्तर प्रदेश और एक-एक राजस्थान एवं दिल्ली के मरीजे थे. स्वास्थ्य मंत्रालय में विशेष सचिव संजीव कुमार ने कहा कि ‘‘भारत में कोरोना वायरस के सत्यापित मामलों की संख्या बढ़कर 84 हो गई है.''

सरकार कोरोना वायरस (Coronavirus) की पृष्ठभूमि में मास्क और हैंड सैनेटाइजर जैसी चीजों की कमी और कालाबाजारी के मद्देनजर शुक्रवार को एन 95 समेत मास्कों एवं हैंड सैनेटाइजरों को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत जरूरी वस्तुएं घोषित कर चुकी है. ये चीजें जून आखिर तक जरूरी वस्तुओं की श्रेणी में होंगी. इस कदम का लक्ष्य उचित दाम पर उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करना तथा जमाखारों एवं कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई करना है.

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(इनपुट एजेंसियों से भी)