कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान मरीजों को ऑक्‍सीजन की ज्‍यादा जरूरत पड़ रही : स्‍टडी

नीति आयोग के सदस्‍य वीके पॉल ने कहा कि Remdesivir केमिस्ट के पास नही मिलनी चाहिए, यह अस्पतालों में मिलनी चाहिए. उन्‍होंने भी कहा कि इसे घर पर नही देना है. इससे रिकवरी जल्दी होती है लेकिन Remdesivir कब देना है ये डॉक्टर तय करेंगे.

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान मरीजों को ऑक्‍सीजन की ज्‍यादा जरूरत पड़ रही : स्‍टडी

देश में कोराना के नए मामलों की संख्‍या खतरनाक ढंग से बढ़ी है (प्रतीकात्‍मक फोटो)

खास बातें

  • सेकंड वेब में वेंटिलेटर की जरूरत कम पड़ रही
  • दूसरी लहर में 30 साल से कम उम्र के 32% संक्रमित
  • बुजुर्ग लोग दूसरी लहर में भी ज्यादा खतरे में हैं
नई दिल्ली:

नई स्टडी में पाया गया कि कोरोना का संक्रमण हवा से ज्यादा फैलता है, सरफेस का रोल कम है. ऐसे में मास्क लगाएं और बंद जगहों पर कम रहें. अस्पतालों में भर्ती पर की गई स्टडी के मुताबिक, कोरोना संक्रमण की जो सेकंड वेब आई है, उसमें मरीजों को ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत पड़ रही है.वेंटिलेटर की सेकंड वेब में पहली वेब की तुलना में कम जरूरत पड़ रही है. स्‍टडी के अनुसार, पहली लहर में 30 साल से कम उम्र के 31% लोग संक्रमित हुए थे जबकि दूसरी लहर में 30 साल से कम लोग 32 फीसदी संक्रमित हुए हैं. इसी तरह 30-40 साल के उम्र के लोग पहली लहर में 21% और इस बार भी 21 % ही संक्रमित हुए हैं.

कोरोना मामलों को लेकर रणदीप गुलेरिया, वीके पॉल और बलराम भार्गव ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में यह बात कही.युवाओं में संक्रमण को लेकर इस बार पिछली बार की तुलना में कोई खास बदलाव नही हुआ है.बुजुर्ग दूसरी लहर में भी ज्यादा खतरे में हैं. Remdesivir को लेकर एम्‍स के डायरेक्‍टर, डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यह 'मैजिक बुलेट' नहीं है. यह मृत्युदर को कम नही करता. अस्पताल में भर्ती मरीजों को ही देना ठीक है जो मोडरेट और गंभीर हैं और जिनका ऑक्सीजन सेचुरेशन गिर रहा है. इसे शुरू के दिनों में नहीं, 5 से 7 दिनों में देना चाहिए. शुरू में देंगे तो मृत्यु को बढ़ाता है.

नीति आयोग के सदस्‍य वीके पॉल ने कहा कि Remdesivir केमिस्ट के पास नही मिलनी चाहिए, यह अस्पतालों में मिलनी चाहिए. उन्‍होंने भी कहा कि इसे घर पर नही देना है. इससे रिकवरी जल्दी होती है लेकिन Remdesivir कब देना है ये डॉक्टर तय करेंगे. प्‍लाज्‍मा के बारे में उन्‍होंने कहा कि इसका लिमिटेड रोल है. Tosilizumab का भी लिमिटेड रोल है. यह गंभीर मरीजों को देना चाहिए. माइल्ड और एसिम्प्टोमेटिक मरीज बिना दवा के भीठीक हो सकते हैं. Febipirveer को लेकर उन्‍होंने कहा कि इसे लेकर अभी पुख्ता प्रमाण लिमिटेड हैं.

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यह धारणा गलत कि कोरोना का असर कम उम्र के लोगों पर ज्यादा हो रहा है: डॉ वीके पॉल