श्री श्री रविशंकर की संस्था सूखा ग्रस्त लातूर में किसानों की मदद में जुटा है
मुंबई:
आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर सोमवार को ट्विटर पर सुर्खियों में छाए रहे। दरअसल एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कथित रूप से कहा कि उन्होंने नोबेल शांति पुरस्कार ठुकरा दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने पाकिस्तानी छात्रा मलाला यूसुफजई को यह सम्मान दिए जाने की भी आलोचना की।
काम में विश्वास, सम्मान लेने में नहीं
अखबार द डेक्कन क्रोनिकल ने 59 वर्षीय इस अध्यात्मिक गुरु के हवाले से लिखा 'पहले भी मुझे नोबेल शांति पुरस्कार का प्रस्ताव मिला था, लेकिन मैं उसे खारिज कर दिया, क्योंकि मैं सिर्फ काम करने में विश्वास रखता हूं, अपने काम के लिए कोई सम्मान मिलने में नहीं। हमें हमेशा उन्हें ही पुरस्कार देना चाहिए, जो इसके लायक है और मैं मलाला यूसुफजई को भी यह सम्मान दिए जाने के पूरी तरह से खिलाफ हूं और यह किसी काम का नहीं।'
श्री श्री रविशंकर ने महाराष्ट्र के सूखा ग्रस्त इलाकों के दौरे के दौरान लातूर में इस सप्ताहांत कथित रूप से यह टिप्पणी की। उनकी आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन इलाके में सिंचाई परियोजनाओं पर काम कर रहा है, जिससे कि किसानों को मदद मिल सके।
आईएस को भेजा था बातचीत का प्रस्ताव
पिछले महीने आध्यात्मिक गुरु ने कहा था कि उन्होंने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) से वार्ता शुरू करने की कोशिश की थी, लेकिन संगठन ने उन्हें झिड़क दिया था। (पढ़ें- IS ने श्री श्री रविशंकर को क्या दिया था जवाब)
इससे पहले वह दिल्ली में यमुना नदी के किनारे विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के आयोजन को लेकर भी सुर्खियों में थे। तब कई पर्यावरणविदों ने उन पर यमुना की पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था।
काम में विश्वास, सम्मान लेने में नहीं
अखबार द डेक्कन क्रोनिकल ने 59 वर्षीय इस अध्यात्मिक गुरु के हवाले से लिखा 'पहले भी मुझे नोबेल शांति पुरस्कार का प्रस्ताव मिला था, लेकिन मैं उसे खारिज कर दिया, क्योंकि मैं सिर्फ काम करने में विश्वास रखता हूं, अपने काम के लिए कोई सम्मान मिलने में नहीं। हमें हमेशा उन्हें ही पुरस्कार देना चाहिए, जो इसके लायक है और मैं मलाला यूसुफजई को भी यह सम्मान दिए जाने के पूरी तरह से खिलाफ हूं और यह किसी काम का नहीं।'
श्री श्री रविशंकर ने महाराष्ट्र के सूखा ग्रस्त इलाकों के दौरे के दौरान लातूर में इस सप्ताहांत कथित रूप से यह टिप्पणी की। उनकी आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन इलाके में सिंचाई परियोजनाओं पर काम कर रहा है, जिससे कि किसानों को मदद मिल सके।
आईएस को भेजा था बातचीत का प्रस्ताव
पिछले महीने आध्यात्मिक गुरु ने कहा था कि उन्होंने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) से वार्ता शुरू करने की कोशिश की थी, लेकिन संगठन ने उन्हें झिड़क दिया था। (पढ़ें- IS ने श्री श्री रविशंकर को क्या दिया था जवाब)
इससे पहले वह दिल्ली में यमुना नदी के किनारे विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के आयोजन को लेकर भी सुर्खियों में थे। तब कई पर्यावरणविदों ने उन पर यमुना की पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था।
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