स्पेक्ट्रम के ठेकों में मोदी सरकार ने 69 हजार करोड़ का घोटाला किया : कांग्रेस

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा- मोदी सरकार ने 'पहले आओ-पहले पाओ' नियम के तहत माइक्रोवेव स्पेक्ट्रम दोस्तों को बांट दिए

स्पेक्ट्रम के ठेकों में मोदी सरकार ने 69 हजार करोड़ का घोटाला किया : कांग्रेस

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा (फाइल फोटो).

खास बातें

  • दिसम्बर 2012 में गठित DoT की कमेटी ने कहा था कि बोली लगाई जाए
  • मोदी सरकार ने सन 2015 में एक आवेदक हो ठेका दे दिया
  • निजी कंपनियों को 45 हजार करोड़ का लाभ पहुंचाया गया
नई दिल्ली:

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि चार सालों में स्पेक्ट्रम के ठेकों में मोदी सरकार ने 69,381 करोड़ का घोटाला किया है. इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराई जानी चाहिए.

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में माइक्रोवेव स्पेक्ट्रम के ठेकों को लेकर मोदी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 'पहले आओ-पहले पाओ' नियम के तहत माइक्रोवेव स्पेक्ट्रम दोस्तों को बांट दिया. जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि ठेकों के लिए बोली लगाई जाए.

खेड़ा ने कहा कि CAG की रिपोर्ट बताती है कि मोदी सरकार ने 2015 में पहले आओ-पहले पाओ नीति के तहत स्पेक्ट्रम बांटे. रिपोर्ट के मुताबिक दिसम्बर 2012 में DoT (दूरसंचार विभाग) ने एक कमेटी बनाई थी. कमेटी ने कहा था कि बोली लगाई जाए.जबकि 2015 में एक आवेदक हो ठेका दे दिया गया.

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उन्होंने कहा कि CAG ने पाया कि नए के बदले पुराने तरीके से राजस्व वसूला गया. निजी कंपनियों को 45 हजार करोड़ का लाभ पहुंचाया गया. कुल मिलाकर स्पेक्ट्रम के ठेके में चार सालों में मोदी सरकार ने 69,381 करोड़ का घोटाला किया. सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बिगुल बजाया लेकिन खुद इतना बड़ा घोटाला किया. दूसरी तरफ कहते हैं कि चार सालों में कोई आरोप नहीं लगा! खेड़ा ने कहा कि सरकार को इस मामले की जांच करवानी होगी. कांग्रेस समयबद्ध जांच की मांग करती है. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच हो क्योंकि किसी भी संस्था में भरोसा नहीं रहा.

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कर्नाटक के ताजा हालात को लेकर खेड़ा ने कहा कि कर्नाटक में बात अस्थिरता की नहीं है. घोटालों के पैसे से खरीद-फरोख्त की कोशिश हो रही है. इनके हाथ कुछ आने वाला नहीं है. नीयत में खोट से कुछ नहीं होने वाला है. सवर्ण आरक्षण को लेकर उन्होंने कहा कि हम पहले से ही कह रहे थे कि नौकरियां ही नहीं हैं तो आरक्षण से क्या लाभ होगा? निजी कॉलेजों की स्थिति बताती है कि सरकार ने होमवर्क नहीं किया. लाना ही था तो दो साल पहले लाते. जाहिर है सरकार की नीयत में खोट है.

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उन्होंने कहा कि सरकार पर लोगों का भरोसा नहीं बचा. जस्टिस सीकरी मामले में CVC को लेकर सवाल है. जस्टिस पटनायक के सामने गलत तथ्य रखे गए. इस सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा. जनता चुनावों में जवाब देगी.