
समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान (Azam Khan) के बेटे अब्दुल्ला आजम खान (Abdullah Azam Khan) को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने निर्वाचन रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इंकार किया है. हाईकोर्ट के याचिकाकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. अब्दुल्ला आजम खान ने विधायकी रद्द किए जाने के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
हाईकोर्ट ने यह कहते हुए अब्दुल्ला आजम खान की विधायकी रद्द कर कर दी थी कि साल 2017 में उनकी उम्र चुनाव लड़ने के लिए कम थी. दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सांसद आजम खान के बेटे और रामपुर की स्वार सीट से विधायक अब्दुल्ला आजम का निर्वाचन रद्द किया था. चुनाव के वक्त न्यूनतम निर्धारित 25 साल की उम्र नहीं होने की वजह से उनका निर्वाचन रद्द किया था.
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हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब्दुल्ला आजम की विधायकी चली गई. आजम व उनके परिवार को इस फैसले से बड़ा झटका लगा था. फैसले के खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. BSP उम्मीदवार रहे नवाब काजिम अली ने चुनाव अर्जी दाखिल की थी. अर्जी में अब्दुल्ला पर फर्जी दस्तावेजों की मदद से चुनाव लड़ने का आरोप लगाया था. फिलहाल याचिकाकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.
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बताते चलें कि इसी महीने आजम खान के रामपुर स्थित आवास के बाहर पुलिस ने धारा 82 के तहत कुर्की के नोटिस चस्पा किए थे. इस बार तीन नोटिस लगाए गए थे. साथ ही इलाके भर में रिक्शे और माइक से सपा सांसद की संपत्ति कुर्की की मुनादी भी कराई गई. मामला आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र से संबंधित था. मामले की सुनवाई की तारीखों पर लगातार गैरहाजिर रहने के कारण एडीजी-6 की अदालत ने सांसद आजम खान, विधायक तजीन फातमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ 18 दिसंबर को धारा 82 के तहत कुर्की नोटिस देने का आदेश दिया था.
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