किसान गजेंद्र सिंह की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
22 अप्रैल को जंतर-मंतर पर गजेंद्र सिंह अपने जोशो-ख़रोश में किसी हादसे का शिकार हो गया या उसने जान-बूझ कर अपने लिए ये मौत चुन ली? क्राइम ब्रांच ने अब इस बात की तस्दीक कर ली है कि उस दिन दोपहर एक बजे के आसपास गजेंद्र सिंह ने एक रिश्तेदार को फोन करके टीवी देखने को कहा था, बताते हुए कि कुछ बड़ा होने वाला है।
यहां तक कि खुद को चश्मदीद बताने वाले जीत सिंह का कहना है कि रैली में कुमार विश्वास और गजेंद्र की मुलाकात हुई। बाद में गजेंद्र ने जीत सिंह से कहा कि नेता जी ने कहा है कि ऐसा करो जिससे रैली सफल हो जाए।
हालांकि घरवालों से गजेंद्र यही कह कर गया था कि वो रैली में जा रहा है। दिल्ली में अपने एक रिश्तेदार से भी उसने रैली के बाद मिलने की बात कही थी। फिर बाद में ऐसा क्या हुआ कि उसने ख़ुदकुशी की सोची, ये सबसे बड़ा सवाल है। पुलिस 30 से ज्यादा न्यूज चैनलों के वीडियो फुटेज खंगाल रही है।
इस बीच दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार का टकराव जारी है। पुलिस ने इसे गलत बताया है कि उसने जांच से जुड़ा कोई दस्तावेज़ दिल्ली सरकार को सौंपा है। पुलिस कमिश्नर भीमसेन बस्सी ने बताया कि नई दिल्ली के डीसीपी और डीसी के बीच इस मामले को लेकर पत्राचार जरूर हुआ है लेकिन हमने दिल्ली सरकार को जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी है।
गजेंद्र की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी पुलिस को मिल चुकी है। अब उसके सुसाइड नोट की जांच रिपोर्ट का इंतजार है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि ज़रूरत पड़ी तो वो आप नेताओं से भी पूछताछ कर सकती है और मीडियाकर्मियों से भी।
यहां तक कि खुद को चश्मदीद बताने वाले जीत सिंह का कहना है कि रैली में कुमार विश्वास और गजेंद्र की मुलाकात हुई। बाद में गजेंद्र ने जीत सिंह से कहा कि नेता जी ने कहा है कि ऐसा करो जिससे रैली सफल हो जाए।
हालांकि घरवालों से गजेंद्र यही कह कर गया था कि वो रैली में जा रहा है। दिल्ली में अपने एक रिश्तेदार से भी उसने रैली के बाद मिलने की बात कही थी। फिर बाद में ऐसा क्या हुआ कि उसने ख़ुदकुशी की सोची, ये सबसे बड़ा सवाल है। पुलिस 30 से ज्यादा न्यूज चैनलों के वीडियो फुटेज खंगाल रही है।
इस बीच दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार का टकराव जारी है। पुलिस ने इसे गलत बताया है कि उसने जांच से जुड़ा कोई दस्तावेज़ दिल्ली सरकार को सौंपा है। पुलिस कमिश्नर भीमसेन बस्सी ने बताया कि नई दिल्ली के डीसीपी और डीसी के बीच इस मामले को लेकर पत्राचार जरूर हुआ है लेकिन हमने दिल्ली सरकार को जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी है।
गजेंद्र की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी पुलिस को मिल चुकी है। अब उसके सुसाइड नोट की जांच रिपोर्ट का इंतजार है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि ज़रूरत पड़ी तो वो आप नेताओं से भी पूछताछ कर सकती है और मीडियाकर्मियों से भी।
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