तिरुवनंतपुरम:
केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी के इस्तीफे की मांग को लेकर सोमवार को वामपंथी प्रदर्शनकारियों ने हजारों की संख्या में राज्य सचिवालय का घेराव किया।
प्रदर्शनकारियों ने सचिवालय के चार में से तीन द्वारों को अवरुद्ध कर दिया। विपक्षी वामपंथी दलों ने सौर ऊर्जा घोटाला मामले में चांडी के इस्तीफे तक सोमवार से किसी को भी सचिवालय में प्रवेश न करने देने की घोषणा की है।
वामपंथी दलों ने सभी चार द्वारों को जाम करने की घोषणा की थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। सिर्फ तीन द्वार ही अवरुद्ध हो पाए, और चांडी एवं उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी आपात बैठक के लिए चौथे द्वार से सुबह सात बजे यहां पहुंचे। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद चांडी सचिवालय से निकले और कुछ प्रदर्शनकारियों ने उन्हें रास्ते में रोकने की कोशिश की, लेकिन मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेताओं कोदियेरी बालाकृष्णन और एलामारम करीम ने प्रदर्शनकारियों को शांत किया।
स्वास्थ्य मंत्री वीएस शिवकुमार को रोका गया और वह सचिवालय लौट गए। वामपंथियों ने इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन सौर ऊर्जा घोटाले के बाद किया है, जिसमें सरिता नायर और उनके लिव इन पार्टनर बिजु राधाकृष्णन ने कथित तौर पर कई लोगों के साथ वित्तीय धोखाधड़ी की थी। इन्होंने ग्राहकों को भरी छूट के साथ सौर ऊर्जा उपकरण की पेशकश की थी।
आरोपियों ने ग्राहकों से भारी धनराशि की ठगी करने में कथित रूप से मुख्यमंत्री कार्यालय से अपनी सांठगांठ का इस्तेमाल किया था। इस दौरान स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 20 टुकड़ियां और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) मौके पर पहुंच गई है और पुलिस भी मौके पर मौजूद है।
माकपा के पूर्व मंत्री थॉमस इसाक ने कहा, हमें उम्मीद है कि सोमवार शाम तक घेराव के लिए हमारे लाख से अधिक समर्थक यहां पहुंच जाएंगे। हम चांडी के इस्तीफे तक यहां से नहीं हटेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा और माकपा के महासचिव प्रकाश करात के सचिवालय के मुख्य द्वार पर सुबह 11 बजे पहुंचने के बाद प्रस्तावित प्रदर्शन आधिकारिक रूप से शुरू हुआ। चांडी आज राज्यपाल से भी मुलाकात करेंगे, जिसे उनके नियमित दौरे का हिस्सा बताया जा रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने सचिवालय के चार में से तीन द्वारों को अवरुद्ध कर दिया। विपक्षी वामपंथी दलों ने सौर ऊर्जा घोटाला मामले में चांडी के इस्तीफे तक सोमवार से किसी को भी सचिवालय में प्रवेश न करने देने की घोषणा की है।
वामपंथी दलों ने सभी चार द्वारों को जाम करने की घोषणा की थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। सिर्फ तीन द्वार ही अवरुद्ध हो पाए, और चांडी एवं उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी आपात बैठक के लिए चौथे द्वार से सुबह सात बजे यहां पहुंचे। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद चांडी सचिवालय से निकले और कुछ प्रदर्शनकारियों ने उन्हें रास्ते में रोकने की कोशिश की, लेकिन मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेताओं कोदियेरी बालाकृष्णन और एलामारम करीम ने प्रदर्शनकारियों को शांत किया।
स्वास्थ्य मंत्री वीएस शिवकुमार को रोका गया और वह सचिवालय लौट गए। वामपंथियों ने इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन सौर ऊर्जा घोटाले के बाद किया है, जिसमें सरिता नायर और उनके लिव इन पार्टनर बिजु राधाकृष्णन ने कथित तौर पर कई लोगों के साथ वित्तीय धोखाधड़ी की थी। इन्होंने ग्राहकों को भरी छूट के साथ सौर ऊर्जा उपकरण की पेशकश की थी।
आरोपियों ने ग्राहकों से भारी धनराशि की ठगी करने में कथित रूप से मुख्यमंत्री कार्यालय से अपनी सांठगांठ का इस्तेमाल किया था। इस दौरान स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 20 टुकड़ियां और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) मौके पर पहुंच गई है और पुलिस भी मौके पर मौजूद है।
माकपा के पूर्व मंत्री थॉमस इसाक ने कहा, हमें उम्मीद है कि सोमवार शाम तक घेराव के लिए हमारे लाख से अधिक समर्थक यहां पहुंच जाएंगे। हम चांडी के इस्तीफे तक यहां से नहीं हटेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा और माकपा के महासचिव प्रकाश करात के सचिवालय के मुख्य द्वार पर सुबह 11 बजे पहुंचने के बाद प्रस्तावित प्रदर्शन आधिकारिक रूप से शुरू हुआ। चांडी आज राज्यपाल से भी मुलाकात करेंगे, जिसे उनके नियमित दौरे का हिस्सा बताया जा रहा है।
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