सिंघु बॉर्डर हत्याकांड (Singhu border massacre) में सोनीपत पुलिस ने आरोपी निहंग (Nihang sikh) गोविंद सिंह ,भगवंत सिंह और नारायण सिंह को सोनीपत कोर्ट में पेश किया. कोर्ट में सुरक्षा बेहद कड़ी थी. पुलिस ने तीनों आरोपियों की 14 दिन की रिमांड मांगी थी. लेकिन कोर्ट (sonipat court) से आरोपियों की 6 दिन की रिमांड दी गई. पुलिस का कहना था कि उसे खून से सने कपड़े, हथियार बरामद करने है, पुलिस ने कोर्ट को बताया कि ये कुछ ओर लोगों को पहचानते है, जिनके नाम ये नहीं जानते, उनकी पहचान करनी है.
कोर्ट ने पुलिस की दलील सुनने के बाद अपना ऑर्डर रिज़र्व कर लिया था. बाद में अपना फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने आरोपियों को 6 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा.इससे पहले शनिवार सिंघु बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन स्थल के पास दलित मजदूर की निर्मम हत्या के केस में दो और निहंग सिखों ने आत्मसमर्पण किया था. जबकि पुलिस ने एक निहंग सरबजीत को लखबीर की हत्या में गिरफ्तार किया था.
पुलिस ने सरबजीत को पंजाब के अमृतसर जिले से गिरफ्तार किया था. जबकि देर शाम आत्मसमर्पण करने वाले दो और निहंग भगवंत सिंह और गोविंद सिंह थे. सरवजीत ने हरियाणा पुलिस के सामने सरेंडर किया था. 35 साल के दलित मजदूर लखबीर की निर्मम तरीके से हत्या की जिम्मेदारी ली थी. लखबीर की लाश सिंघु बॉर्डर पर एक पुलिस बैरिकेड से बंधा हुआ पाया गया था, उसका बायां हाथ और दाहिना पैर कटा हुआ था. इस मामले में सनसनी मचा दी थी.
सरवजीत सिंह को शनिवार को कोर्ट ने 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था. हालांकि उसकी 14 दिनों की रिमांड मांगी गई थी. निहंग सरवजीत सिंह ने कहा था कि उसे इस हत्याकांड को लेकर कोई पछतावा नहीं है. इस घटना के तमाम वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. संयुक्त किसान मोर्चा ने भी पंजाब के दलित युवक लखबीर की हत्या की कड़े शब्दों में निंदा की थी. किसान नेताओं का कहना है कि अगर उसने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की है तो उसे कानून के हवाले करना चाहिए था.
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