शौविक चक्रवर्ती के जमानती ऑर्डर में स्पेशल कोर्ट ने कहा- 'यह नहीं कह सकते कि उन्होंने ड्रग्स की फाइनेंसिंग की है'

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि शौविक चक्रवर्ती प्रतिबंधित पदार्थों की सप्लाई करने वाले ड्रग डीलर्स की चेन का हिस्सा हैं. लेकिन अब स्पेशल कोर्ट ने अपने विस्तृत जमानती आदेश में कहा है कि 'इन आरोपों के पीछे कोई तथ्यात्मक आधार नहीं हैं कि उन्होंने एक्ट के 27A धारा के तहत कोई अपराध किया है.'

शौविक चक्रवर्ती के जमानती ऑर्डर में स्पेशल कोर्ट ने कहा- 'यह नहीं कह सकते कि उन्होंने ड्रग्स की फाइनेंसिंग की है'

NCB Drugs Probe : शौविक चक्रवर्ती को NDPS स्पेशल कोर्ट ने दी थी जमानत. (फाइल फोटो)

मुंबई/नई दिल्ली:

एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती के भाई शौविक चक्रवर्ती (Showik Chakraborty) को पिछले हफ्ते मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने जमानत दे दी थी. कोर्ट ने अपने जमानत के आदेश में कहा है कि 'उसके पास इस विश्वास का आधार है कि आरोपी दोषी नहीं है.' शौविक को सुशांत सिंह राजपूत केस में ड्रग्स मामले में (Sushant Singh Rajput Drugs Case) गिरफ्तार किया गया था. इसके पहले दो बार उनकी जमानत याचिका खारिज हो चुकी थी. गिरफ्तार हुई रिया चक्रवर्ती को भी काफी पहले ही बेल मिल चुकी है.

लगभग एक महीने पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि शौविक चक्रवर्ती प्रतिबंधित पदार्थों की सप्लाई करने वाले ड्रग डीलर्स की चेन का हिस्सा हैं. लेकिन अब Narcotic Drugs and Psychotropic Substances (NDPS) के मामले देखने वाली स्पेशल कोर्ट ने अपने विस्तृत जमानती आदेश में कहा है कि 'इन आरोपों के पीछे कोई तथ्यात्मक आधार नहीं हैं कि उन्होंने एक्ट के 27A धारा के तहत कोई अपराध किया है.' NDPS एक्ट की 27A धारा के तहत ड्रग्स ट्रैफिकिंग करने और आरोपियों को शह देने के लिए 10 से 20 साल तक की सजा तय होती है.

शौविक चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए स्पेशल कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी और कहा था कि उनके पास से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने किसी ड्रग्स की जब्ती नहीं की थी और उनके खिलाफ केस बस उनके बयानों के आधार पर बनाया गया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सबूत के तौर पर अपर्याप्त करार दिया था.

स्पेशल कोर्ट ने जमानती आदेश में और क्या कहा?

शौविक चक्रवर्ती तीन महीनों से जेल में थे. स्पेशल कोर्ट ने अपने जमानती आदेश में कहा है कि 'ऐसा कोई आरोप नहीं है कि याचिकाकर्ता प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से किसी भी तरह की अवैध गतिविधियों में लिप्त था. ऐसा कोई भी आरोप नहीं है कि याचिकाकर्ता ने ऐसी किसी गतिविधि में लगे किसी व्यक्ति को शह दिया है.' 

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कोर्ट ने इसका जिक्र भी किया कि एनसीबी ने यह माना है कि चक्रवर्ती को ड्रग्स केस में एक सह-आरोपी के 'बयानों के आधार पर गिरफ्तार किया गया था.' आदेश में कहा गया है कि एक एनसीबी अधिकारी ने 'माना था कि याचिकाकर्ता के पास से उन्हें कोई प्रतिबंधित चीज नहीं मिली थी.'

कोर्ट ने ड्रग्स फाइनेंसिंग टर्म पर जोर देते हुए स्पष्ट किया कि क्रेडिट पर किसी नारकोटिक ड्रग को बेचना, किसी नारकोटिक ड्रग की खरीद की गतिविधि को फाइनेंस करने से अलग है. कोर्ट ने कहा कि 'याचिकाकर्ता को समानता के सिद्धांत पर जमानत पाने का अधिकार है. याचिकाकर्ता अभी युवा लड़के हैं. वो पढ़ाई कर रहे हैं. उनका रिकॉर्ड साफ रहा है और वो कोर्ट की ओर से लगाई गई शर्तें भी मानने को तैयार हैं ऐसे में उन्हें जमानत दी जा रही है.'

हालांकि, बता दें कि एंटी-ड्रग एजेंसी ने बार-बार कोर्ट में कहा है कि रिया और शौविक ने अपने इस्तेमाल के लिए ड्रग्स नहीं खरीदा था, बल्कि सुशांत सिंह राजपूत को सप्लाई करने के लिए खरीदा था, जो कि ड्रग्स की फंडिंग से जुड़ा ज्यादा 'गंभीर अपराध है.' एनसीबी ने रिया चक्रवर्ती को 'ड्रग्स सिंडिकेट का एक्टिव सदस्य' बुलाया था.

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