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This Article is From Nov 21, 2015

शीना बोरा मर्डर केस : राकेश मारिया और पीटर मुखर्जी के बीच कौन बना कड़ी?

शीना बोरा मर्डर केस : राकेश मारिया और पीटर मुखर्जी के बीच कौन बना कड़ी?
सोहेल बुद्धा के फेसबुक एकाउंट से लिया गया फोटो।
मुंबई: सनसनीखेज शीना बोरा मर्डर केस में पहले मुंबई पुलिस ने तफ्तीश की तो केस में परिवार और रिश्तों की कड़ियां सुलझती-उलझती दिखीं। अब केस सीबीआई के पास है तो परिवार के अलावा सवाल मुंबई पुलिस पर भी उठने लगे हैं। पीटर मुखर्जी और मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया के बीच कड़ी के तौर पर एक ऐसे पुलिस वाले का नाम आ रहा है जो पुलिस महकमे से स्वैच्छिक रिटायरमेंट के बाद पीटर मुखर्जी के सीईओ रहते हुए उस कंपनी में आला ओहदे पर जा बैठा।

असिस्टेंड सब इंस्पेक्टर से कंपनी में सीधे वाइस प्रेसीडेंट
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया और मीडिया टायकून पीटर मुखर्जी के बीच रिश्तों की कड़ी के तौर पर जो नाम सामने आ रहा है वह है सोहेल बुद्धा का। सन 2003 में पुलिस फोर्स से असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर की पोस्ट से स्वैच्छिक रिटायरमेंट के बाद बुद्धा सीधे उस निजी टेलिविजन कंपनी में सिक्योरिटी में वाइस प्रेसिडेंट बन बैठे जिसके सर्वेसर्वा थे पीटर मुखर्जी।

बुद्धा ने ही श्यामवर को लगवाया था नौकरी पर
खबर है कि बुद्धा ने ही इंद्राणी के ड्राइवर और शीना बोरा मर्डर केस में आरोपी श्यामवर राय को पीटर के घर नौकरी पर लगवाया था। राय के खिलाफ अवैध हथियार का मामला उसी खार पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ जहां नियुक्त सारे पुलिसकर्मी बुद्धा के साथ काम कर चुके हैं और राकेश मारिया के करीबी माने जाते हैं। यह सारे पुलिसकर्मी मारिया के साथ क्राइम ब्रांच में भी थे। उनमें से कुछ ने 93 बम धमाकों की तफ्तीश में मारिया के साथ काम किया था।

पुलिस की रिपोर्ट से सरकार संतुष्ट नहीं
इस मामले में एनडाटीवी ने सुहैल बुद्धा से उनका पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन पर कोई जवाब नहीं दिया। वारदात से जुड़े एक दूसरे घटनाक्रम में महाराष्ट्र सरकार ने रायगढ़ पुलिस की कथित ढिलाई को लेकर पुलिस महानिदेशक प्रवीण दीक्षित को एक नई रिपोर्ट के साथ केस से संबंधित सारे दस्तावेज सौंपने को कहा है। मामले में पूर्व डीजीपी संजीव दयाल ने अपनी रिपोर्ट 30 सितंबर को सौंपी थी, जिससे सरकार संतुष्ट नहीं है।
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