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This Article is From Apr 22, 2016

उत्तराखंड के सियासी बवाल पर सुप्रीम कोर्ट में हुई तीखी बहस

उत्तराखंड के सियासी बवाल पर सुप्रीम कोर्ट में हुई तीखी बहस
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन को हटाने के हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चली सुनवाई में केंद्र और राज्य कहिए या बीजेपी और कांग्रेस के बीच तीखी नोंकझोंक चली।

हालांकि शुक्रवार शाम साढे तीन बजे शुरू हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि मान लिया जाए कि उतराखंड में होर्स ट्रेडिंग हुई, तो ये लोकतंत्र के लिए डेंट होगा।

मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिए पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में केंद्र की दलीलों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री राज्यपाल के उस आदेश को मान चुके थे, जिसमें 28 मार्च को बहुमत साबित करने के लिए कहा गया था। ऐसे में राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूरत क्या थी।

इस पर AG मुकुल रोहतगी ने कहा कि सीएम तो विधायकों की खरीद फरोख्त के लिए भी तैयार थे, जो स्टिंग के जरिए टीवी पर सभी ने देखा। सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि आदेश पर रोक लगाने की जरूरत नहीं है।

मुख्यमंत्री कोर्ट को भरोसा दिला सकते हैं कि वो इस दौरान कोई भी फैसला नहीं लेंगे। लेकिन मुकुल रोहतगी ने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला लिखित रूप में आने से पहले ही 11 फैसले ले लिए गए। ऐसे मे राज्य में पुराने हालात बहाल करने ही चाहिए।

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