नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के मुंबई ब्लास्ट के सात और दोषियों को सरेंडर करने के लिए चार हफ्ते की मोहलत दे दी है। इससे पहले, बुधवार को अभिनेता संजय दत्त को भी कोर्ट ने सरेंडर करने के लिए चार हफ्ते का वक्त दिया था।
संजय दत्त के अलावा कुल आठ दोषियों ने सरेंडर के लिए मोहलत मांगी थी, जिनमें से सुप्रीम कोर्ट ने सात दोषियों - यूसुफ मोहसिन नलवाला, अब्दुल रज्जाक मेमन, अल्ताफ अली सैयद, जैबुन्निसा अनवर काजी, केसी बाबू, इसहाक अहमद और अब्दुल गफूर को चार हफ्ते के लिए राहत दे दी है, जबकि एक अन्य दोषी यूसुफ खान को सरेंडर के लिए मोहलत नहीं मिली।
70-वर्षीय ज़ैबुन्निसा काज़ी ने इस आधार पर सज़ा रद्द करने की मांग की थी कि वह बीमार है, और काफी बुजुर्ग है, इसलिए कैद की सज़ा नहीं झेल सकती। ज़ैबुन्निसा ने यह आग्रह भी किया था कि जब तक राष्ट्रपति उसकी क्षमायाचिका पर निर्णय नहीं कर लेते, उसे जेल नहीं भेजा जाए, लेकिन वह अपील इस सप्ताह के शुरू में ही खारिज कर दी गई थी।
ज़ैबुन्निसा के अतिरिक्त गुरुवार को ही सुबह भी कोर्ट ने तीन अभियुक्तों को सरेंडर करने के लिए चार सप्ताह की छूट दी थी। वर्ष 1993 में मुंबई में हुए शृंखलाबद्ध विस्फोटों, जिनमें 250 लोग मारे गए थे और लगभग 700 जख्मी हुए थे, से जुड़े मामलों के जिन अभियुक्तों को सरेंडर करने के लिए गुरुवार को चार हफ्ते की राहत दी गई, उनमें उम्रकैद की सज़ा पाया मेमन, 10 साल कैद की सज़ा पाया अल्ताफ अली सैयद, और पांच साल की कैद की सज़ा पाया यूसुफ मोहसिन नलवाला शामिल हैं।
संजय दत्त के अलावा कुल आठ दोषियों ने सरेंडर के लिए मोहलत मांगी थी, जिनमें से सुप्रीम कोर्ट ने सात दोषियों - यूसुफ मोहसिन नलवाला, अब्दुल रज्जाक मेमन, अल्ताफ अली सैयद, जैबुन्निसा अनवर काजी, केसी बाबू, इसहाक अहमद और अब्दुल गफूर को चार हफ्ते के लिए राहत दे दी है, जबकि एक अन्य दोषी यूसुफ खान को सरेंडर के लिए मोहलत नहीं मिली।
70-वर्षीय ज़ैबुन्निसा काज़ी ने इस आधार पर सज़ा रद्द करने की मांग की थी कि वह बीमार है, और काफी बुजुर्ग है, इसलिए कैद की सज़ा नहीं झेल सकती। ज़ैबुन्निसा ने यह आग्रह भी किया था कि जब तक राष्ट्रपति उसकी क्षमायाचिका पर निर्णय नहीं कर लेते, उसे जेल नहीं भेजा जाए, लेकिन वह अपील इस सप्ताह के शुरू में ही खारिज कर दी गई थी।
ज़ैबुन्निसा के अतिरिक्त गुरुवार को ही सुबह भी कोर्ट ने तीन अभियुक्तों को सरेंडर करने के लिए चार सप्ताह की छूट दी थी। वर्ष 1993 में मुंबई में हुए शृंखलाबद्ध विस्फोटों, जिनमें 250 लोग मारे गए थे और लगभग 700 जख्मी हुए थे, से जुड़े मामलों के जिन अभियुक्तों को सरेंडर करने के लिए गुरुवार को चार हफ्ते की राहत दी गई, उनमें उम्रकैद की सज़ा पाया मेमन, 10 साल कैद की सज़ा पाया अल्ताफ अली सैयद, और पांच साल की कैद की सज़ा पाया यूसुफ मोहसिन नलवाला शामिल हैं।
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