सुप्रीम कोर्ट ने अडानी गैस लिमिटेड को बड़ा झटका देते हुए अहमदाबाद में सिटी गैस वितरण के संचालन को लेकर दाखिल याचिका खारिज कर दी. गुजरात गैस को दिए गए प्राधिकरण को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है, यह राशि भारत सरकार को देनी होगी. यह भी माना कि PNGRB नियम "न तो मनमाने हैं और न ही संविधान के विपरीत'. दरअसल, सितंबर 2018 में अडानी गैस लिमिटेड को एक बड़ा झटका देते हुए, गुजरात हाईकोर्ट ने साणंद, बावला और ढोलका में सिटी गैस वितरण नेटवर्क की स्थापना और संचालन के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड ( PNGRB) को प्राधिकरण देने वाली उसकी याचिका को खारिज कर कर दी थी.
अदालत ने अहमदाबाद से सटे उपरोक्त क्षेत्रों में सिटी गैस वितरण नेटवर्क की स्थापना और संचालन के लिए PNGRB द्वारा गुजरात गैस लिमिटेड को प्रदान किए गए प्राधिकरण को भी बरकरार रखा है. पीठ ने अपने फैसले में PNGRB के नियम 18 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली गैस कंपनी की याचिका को भी खारिज कर दिया. विनियम 18 उन संस्थाओं से संबंधित है जो केंद्र सरकार द्वारा 1 अक्टूबर, 2007 तक सीजीडी नेटवर्क बिछाने, निर्माण, संचालन या विस्तार के लिए अधिकृत नहीं थे, जब केंद्र सरकार ने PNGRB की स्थापना को अधिसूचित किया था.
अडानी गैस लिमिटेड का एक तर्क यह था कि इसे "अहमदाबाद भौगोलिक क्षेत्र" के लिए सिटी गैस वितरण नेटवर्क की स्थापना और संचालन के लिए अधिकृत माना गया था, जिसमें PNGRB अधिनियम की धारा -16 के अनुसार साणंद, बावला और ढोलका के आसन्न क्षेत्र शामिल थे. इसने यह भी तर्क दिया था कि PNGRB ने उपरोक्त क्षेत्रों में सिटी गैस वितरण नेटवर्क के विकास के लिए बोलियां आमंत्रित करने और गुजरात गैस लिमिटेड के बाद के चयन के साथ आगे बढ़कर अदानी गैस के साथ होने वाले प्राधिकरण की पूर्ण अवहेलना की थी.
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