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This Article is From Jun 27, 2020

दिल्ली में कोरोना की स्थिति का पता लगाने के लिए आज से सीरोलॉजिकल सर्वे, 20 हजार नमूनों की होगी जांच 

गृह मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस सर्वेक्षण से अधिकारियों को COVID-19 का व्यापक विश्लेषण करने में मदद मिलेगी और फिर राष्ट्रीय राजधानी में महामारी से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार की जा सकती है.

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण के मामलों में तेजी के बीच COVID-19 किस हद तक फैला है, इसका पता लगाने के लिए सीरोलॉजिकल सर्वे (Serological Survey) का काम आज से शुरू होगा. दिल्ली कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में से एक है. इस सर्वे के जरिए दिल्ली में कोविड-19 का व्यापक विश्लेषण किया जाएगा तथा वैश्विक महामारी से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति बनाने में भी यह सहायक होगा.

यह सर्वे कोविड-19 रिस्पॉन्स प्लान का हिस्सा है और अधिकारियों को उम्मीद है कि इससे कोरोना महामारी से लड़ने के लिए व्यापक रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी. सर्वेक्षण का काम दिल्ली सरकार और नेशनल सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल (NCDC) के सहयोग से किया जाएगा. यह 27 जून से 10 जुलाई तक चलेगा. 

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट में कहा, "दिल्ली में सर्वेक्षण का काम 27 जून से शुरू होगा. सभी संबंधित टीमों की ट्रेनिंग का काम कल पूरा हो गया है." 

आधिकारिक आदेश के मुताबिक, दिल्ली के सभी जिलों में कुल 20,000 टेस्ट किए जाएंगे. इसमें सभी उम्र और वर्ग के लोग शामिल होंगे. आदेश में कहा गया है कि जिलों के डिप्टी कमिश्नर सर्वेक्षण करने वाली टीमों के साथ प्रभावी तालमेल रखेंगे. 

सर्वे में देखा जाएगा कि जो लोग पॉजिटिव से नेगेटिव हुए उनके अंदर इस वायरस का किस तरह का प्रभाव पड़ रहा है. इस सर्वे को कराने का एक मुख्य कारण यह भी है कि जिन लोगों को लक्षण आते हैं या जो गंभीर हो जाते हैं वो तो अपना टेस्ट करवाकर, इलाज करवाकर पॉजिटिव से नेगेटिव हो जाते हैं, लेकिन ऐसे भी बहुत से लोग होते हैं जो इस वायरस से संक्रमित होकर बिना लक्षण वाले बने रहते हैं, वह ठीक भी हो जाते हैं लेकिन उनको कभी पता नहीं चलता कि वह कभी कभी संक्रमित हो गए थे, या यह भी हो सकता है कि व्यक्ति को पता ही ना हो और वह इस समय भी पॉजिटिव हो. 

यानी रेंडम सेंपलिंग करके यह आकलन किया जाएगा कि दिल्ली के अंदर यह वायरस किस हद तक और कहां-कहां फैल चुका है.

गृह मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस सर्वेक्षण से अधिकारियों को COVID-19 का व्यापक विश्लेषण करने में मदद मिलेगी और फिर राष्ट्रीय राजधानी में महामारी से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार की जा सकती है.

सीरोलॉजी (एंटीबॉडी) जांच समुदायों के बीच निगरानी रखने के लिए होती है. इस उपयोग उन लोगों पर किया जा सकता है जो पहले से संक्रमित पाए गए हों या फिर जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं हों. इससे कोरोना वायरस के खिलाफ प्रतिरोधी क्षमता के बारे में जानकारी मिल सकती है. 

दिल्ली में कोरोना संक्रमण के अब तक 73,780 मामले सामने आए हैं और 2429 लोगों की इसकी चलते मौत हुई है. 

(पीटीआई इनपुट के साथ)

वीडियो: दिल्ली सरकार का अस्पतालों का CCTV लगाने का निर्देश

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