Coronavirus Pandemic: कर्नाटक में एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टर को तीन निजी अस्पतालों ने इस कारण से भर्ती करने से इनकार कर दिया कि वे कोरोना टेस्ट रिपोर्ट (COVID-19 Report) पेश नहीं कर सके. बाद में इन डॉक्टर की बेंगलुरू में मौत हो गई. कोविड-19 डॉक्टर डॉ. मंजुनाथ (Dr Manjunath)को इन अस्पतालों ने उस समय सेवा देने से इनकार किया जब वे काफी बीमार थे और उन्हें सांस लेने में काफी दिक्कत आ रही थी. डॉ. मंजुनाथ ने राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग में काम किया और बेंगलुरु से लगभग 50 किमी दूर रामनगर जिले में रह रहे थे.
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बेंगलुरु नगरपालिका निकाय (BBMP) के एक विशेष अधिकारी डी. रणदीप ने NDTV को बताया कि जिन अस्पतालों ने डॉ. मंजुनाथ को भर्ती करने से इनकार किया था, उनकी स्वास्थ्य विभाग से शिकायत की जाएगी.डॉ. मंजुनाथ के परिवार के अनुसार, जून माह के अंत में जेपी नगर में राजशेखर अस्पताल, केनेगेरी में बीजीएस ग्लोबल अस्पताल और कुमारस्वामी लेआउट में सागर अस्पताल गए लेकिन इन तीनों अस्पतालों ने उनसे COVID-19 टेस्ट रिपोर्ट मांगी जो उस समय उनके पास नहीं थी. उनके बहनोई नागेंद्र भी बीबीएमपी के डॉक्टर हैं और उनके पास अस्पताल में बेड अलॉट करने का प्रभार है लेकिन अस्पतालों के रवैये के चलते अपने रिश्तेदार के मामले में उन्होंने भी खुद को पूरी तरह असहाय पाया.
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जब परिवार इसके विरोध में दयानंद परिसर के बाहर धरने पर बैठ गया तब जाकर 25 जून को उन्हें सागर अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया और बाद में बैंगलोर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में स्थानांतरित कर दिया गया जहां गुरुवार को उनकी मौत हो गई. अस्पताल का कहना है कि डॉ. मंजूनाथ को 9 जुलाई को डिस्चार्ज कर दिया गया था क्योंकि वह प्लाज्मा थेरेपी चाहते थे. उनके परिवार के छह सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे जिसमें से ज्यादा ठीक हो चुके हैं.
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