विज्ञापन
This Article is From Nov 05, 2020

संसद की संयुक्त समिति के सामने पेश हुए रिलायंस की दो कंपनियां के वरिष्ठ अधिकारी

पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल 2019 की समीक्षा कर रही संसद की संयुक्त समिति के सामने रिलायंस जिओ इंफोकॉम लिमिटेड और जिओ प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड के अधिकारियों ने अपने प्रेजेंटेशन में कहा है कि...

संसद की संयुक्त समिति के सामने पेश हुए रिलायंस की दो कंपनियां के वरिष्ठ अधिकारी
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल 2019 की समीक्षा कर रही संसद की संयुक्त समिति के सामने रिलायंस जिओ इंफोकॉम लिमिटेड और जिओ प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड के अधिकारियों ने अपने प्रेजेंटेशन में कहा है कि उनके पास कस्टमर्स के जो पर्सनल डाटा हैं, उन्हें बिज़नेस ग्रुप की किसी भी कंपनी या संस्था के साथ साझा नहीं किया जा रहा है.

भीषण ठंड से बचाने के लिए अमेरिका से इंपोर्ट किए कपड़ों में एक्शन में द‍िखे भारतीय सैनिक

बुधवार को रिलायंस की ये दोनों कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी संसद की संयुक्त समिति के सामने पेश हुए और पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल पर अपना रूख पेश किया. साथ ही, उन्होंने संसदीय समिति को ये आश्वासन भी दिया है कि कस्टमर्स के पर्सनल डाटा को किसी भी थर्ड पार्टी के साथ शेयर नहीं किया जाता है और न ही इसका इस्तेमाल करने का अधिकार किसी थर्ड पार्टी या निवेशक को दिया गया है.

सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया है कि रिलायंस जिओ इंफोकॉम लिमिटेड और जिओ प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड के अधिकारियों ने संसदीय समिति के सामने अपने प्रेजेंटेशन में ये भी कहा है कि विदेशों में स्टोर किये जा रहे पर्सनल डाटा पर दूसरे देशों के नियम-कायदे लागू होते हैं. ऐसे में डाटा के साथ गड़बड़ी होने पर किसी डाटा प्रिंसिपल (कंटेंट ओनर) के पास कानून राहत सही तरीके से मिलना मुश्किल होगा.

कांग्रेस और साथियों ने लोकतंत्र को फिर किया शर्मसार : अर्णब की गिरफ्तारी पर अमित शाह

इन अधिकारियों ने समिति के सामने सुझाव रखा कि पर्सनल डाटा को सुरक्षित रखने के लिए बेहतर होगा कि उन्हें भारत में ही स्टोर करके रखा जाये. भारत में डाटा स्टोर होने से देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर भी विकसित होगा. इससे लॉ इंफोर्सिंग एजेंसियों के लिए भी ज़रुरत पड़ने पर डाटा एक्सेस करना आसान होगा.

साथ ही, अधिकारियों ने पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल में संशोधन का भी सुझाव दिया, जिसमें एक सुझाव ये है कि इस प्रस्तावित कानून में नियमों के उल्लंघन पर आपराधिक के मुताबिक सजा का प्रावधान होना चाहिए, न कि दोषी कंपनी के तुंवर या साइज पर.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com