गुजरात के नरोदा पाटिया में हुए नरसंहार की दोषी कोडनानी को 28 वर्ष जेल की सजा हुई थी
अहमदाबाद:
गुजरात की पूर्व मंत्री और 2002 के दंगों में दोषी करार दी गई माया कोडनानी की एक तस्वीर इन दिनों विवाद का कारण बनी हुई है।
पिछले साल खराब सेहत का हवाला देकर जमानत पर जेल से बाहर आई कोडनानी की यह तस्वीर अहमदाबाद के बाहरी इलाके में एक निजी समूह द्वारा बीते शनिवार को आयोजित ध्यान शिविर की है। एक महिला ने फेसबुक पर यह तस्वीर साझा करते हुए लिखा, 'गुजरात की पूर्व शिक्षा मंत्री माया कोडनानी के साथ ध्यानमग्न'
कोडनानी के करीबी सूत्रों ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि मानसिक तनाव से मुक्ति के लिए वह दस दिनों के इस शिविर में शामिल हुई थी। उन्होंने कहा, 'कोडनानी मानसिक रूप से अस्थिर हैं और उन्हें शिविर में शामिल होने का सुझाव दिया गया था।'
हालांकि इसे लेकर लोगों ने अपना गुस्सा भी जाहिर किया है।
इस तस्वीर से वह मुश्किल में भी घिर सकती हैं। नरोदा पाटिया दंगा मामले में वकील शमशाद पठान कहते हैं, विशेष जांच दल (एसआईटी) को इस तस्वीर को आधार बनाकर अदालत जाना चाहिए और उनके स्वास्थ्य की विस्तृत जांच कराए जाने की मांग करनी चाहिए।
61 वर्षीय कोडनानी 2002 के गुजरात दंगों के दौरान नरोदा पाटिया गांव में हुए नरसंहार की दोषी करार दी गई थी और उन्हें 28 वर्ष जेल की सजा सुनाई गई थी। गुजरात दंगों के इस सबसे रक्तरंजित नरसंहार में 97 लोगों की हत्या कर दी गई।
हालांकि कोडनानी को खराब स्वास्थ्य के आधार कई बार जमानत मिलती रही है और पिछले साल कथित रूस से अवसाद की शिकार कोडनानी को शॉक थेरेपी भी दी गई थी। सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि उनमें आत्महत्या की प्रवृत्ति दिख रही थी और दवाओं से ठीक नहीं हो पा रही थी।
गुजरात दंगों में संलिप्ता के आरोपों के बावजूद साल 2007 में गुजरात में नरेंद्र मोदी के शासनकाल के दौरान उन्हें मंत्री पद से नवाजा गया। हालांकि साल 2009 में दंगों की दोषी करार दिए जाने और गिरफ्तारी के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
पिछले साल खराब सेहत का हवाला देकर जमानत पर जेल से बाहर आई कोडनानी की यह तस्वीर अहमदाबाद के बाहरी इलाके में एक निजी समूह द्वारा बीते शनिवार को आयोजित ध्यान शिविर की है। एक महिला ने फेसबुक पर यह तस्वीर साझा करते हुए लिखा, 'गुजरात की पूर्व शिक्षा मंत्री माया कोडनानी के साथ ध्यानमग्न'
कोडनानी के करीबी सूत्रों ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि मानसिक तनाव से मुक्ति के लिए वह दस दिनों के इस शिविर में शामिल हुई थी। उन्होंने कहा, 'कोडनानी मानसिक रूप से अस्थिर हैं और उन्हें शिविर में शामिल होने का सुझाव दिया गया था।'
हालांकि इसे लेकर लोगों ने अपना गुस्सा भी जाहिर किया है।
@LittleVoice89 @shadab_bdk bloody hell, wasn't kodnani supposed to be in jail? Who's woman next to her? A public figure or normal person?
— Dhara (@dhar_aa) November 23, 2015
Maya Kodnani, convicted mass murderer of 97 ppl, out on bail for health reasons, taking selfies at a yoga retreat! https://t.co/r4X96Gjsr9
— VISHAL DADLANI (@VishalDadlani) November 22, 2015
इस तस्वीर से वह मुश्किल में भी घिर सकती हैं। नरोदा पाटिया दंगा मामले में वकील शमशाद पठान कहते हैं, विशेष जांच दल (एसआईटी) को इस तस्वीर को आधार बनाकर अदालत जाना चाहिए और उनके स्वास्थ्य की विस्तृत जांच कराए जाने की मांग करनी चाहिए।
61 वर्षीय कोडनानी 2002 के गुजरात दंगों के दौरान नरोदा पाटिया गांव में हुए नरसंहार की दोषी करार दी गई थी और उन्हें 28 वर्ष जेल की सजा सुनाई गई थी। गुजरात दंगों के इस सबसे रक्तरंजित नरसंहार में 97 लोगों की हत्या कर दी गई।
हालांकि कोडनानी को खराब स्वास्थ्य के आधार कई बार जमानत मिलती रही है और पिछले साल कथित रूस से अवसाद की शिकार कोडनानी को शॉक थेरेपी भी दी गई थी। सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि उनमें आत्महत्या की प्रवृत्ति दिख रही थी और दवाओं से ठीक नहीं हो पा रही थी।
गुजरात दंगों में संलिप्ता के आरोपों के बावजूद साल 2007 में गुजरात में नरेंद्र मोदी के शासनकाल के दौरान उन्हें मंत्री पद से नवाजा गया। हालांकि साल 2009 में दंगों की दोषी करार दिए जाने और गिरफ्तारी के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
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