किसानों की आत्महत्या पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर करते हुए तमिलनाडु सरकार ने उचित कदम उठाने को कहा है
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                नई दिल्ली: 
                                        किसानों की खुदकुशी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को आड़े हाथों लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से पूछा है कि राज्य में किसानों द्वारा की जा रही खुदकुशी को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. पीठ ने कहा कि चुप रहना समाधान नहीं है.
कोर्ट ने कहा है कि आर्थिक तंगी के कारण किसानों द्वारा खुदकुशी करने की घटना किसी भी संवेदशील आत्मा को झकझौर देता है. उन्होंने कहा कि राज्य अपने नागरिकों का अभिभावक होता है, इसलिए उसे अपनी प्रजा की भलाई पर ध्यान रखना चाहिए. बड़ी संख्या में किसान खुदकुशी कर रहे हैं, ऐसे में राज्य को इसे रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए. एक कल्याणकारी राज्य के लिए सामाजिक न्याय बेहद अहम होता है. राज्य सरकार को इस तरह की घटनाओं को प्राकृतिक आपदा मानते हुए इसे रोकने के लिए तरीका निकालना चाहिए.
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि वे तमिलनाडु सरकार से उम्मीद करते हैं कि वह अगली तारीख पर इससे निपटने की योजनाएं पेश करेगी. अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी. सुप्रीम कोर्ट एक गैर सरकारी संगठन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है.
                                                                        
                                    
                                कोर्ट ने कहा है कि आर्थिक तंगी के कारण किसानों द्वारा खुदकुशी करने की घटना किसी भी संवेदशील आत्मा को झकझौर देता है. उन्होंने कहा कि राज्य अपने नागरिकों का अभिभावक होता है, इसलिए उसे अपनी प्रजा की भलाई पर ध्यान रखना चाहिए. बड़ी संख्या में किसान खुदकुशी कर रहे हैं, ऐसे में राज्य को इसे रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए. एक कल्याणकारी राज्य के लिए सामाजिक न्याय बेहद अहम होता है. राज्य सरकार को इस तरह की घटनाओं को प्राकृतिक आपदा मानते हुए इसे रोकने के लिए तरीका निकालना चाहिए.
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि वे तमिलनाडु सरकार से उम्मीद करते हैं कि वह अगली तारीख पर इससे निपटने की योजनाएं पेश करेगी. अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी. सुप्रीम कोर्ट एक गैर सरकारी संगठन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है.
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