पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections 2021) के बाद हुई हिंसा मामले में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के 114 प्रोफेसरों ने इस मुद्दे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया कि 2 मई को विधानसभा परिणाम आने के बाद वहां हुई हिंसा में 11 हजार से भी अधिक लोग बेघर हो गए हैं. 1600 से भी अधिक हमलों में 40 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं, इनमें अधिकांश अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के लोग हैं.
पत्र में लिखा है कि 5000 से अधिक घर जला दिए गए. 26 लोग मारे गए. इसके बाद 2000 से अधिक लोगों ने असम, झारखंड और ओडिशा में शरण ली है. तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ मिलकर अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों पर अत्याचार किया.
प्रोफेसरों ने राष्ट्रपति से अपील की है कि वे इस मामले में दखल दें और एससी-एसटी वर्ग के लोगों को पश्चिम बंगाल में सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में मदद करें. इस तबके के लोगों को अपना जीवन दोबारा शुरु करने के लिए आश्वासन की आवश्यकता है.
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उन्होंने पत्र में लिखा है कि पीड़ितों को अपने घर दोबारा बनाने, जीवन पटरी पर लाने और अनाथ बच्चों की मदद की भी आवश्यकता है. उनके लिए मेडिकल और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएं, साथ ही उनकी सुरक्षा की व्यवस्था हो. सेंटर फॉर सोशल डेवलपमेंट सीएसडी के बैनर के तहत यह पत्र लिखा गया है.
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