प्रबुद्ध नागरिकों के एक समूह ने पश्चिम बंगाल की चुनाव बाद हिंसा को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन दिया है. ज्ञापन में हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में एक विशेष जांच दल (SIT) बनाने की मांग की गई है ताकि निष्पक्ष जांच हो सके और तुरंत न्याय मिल सके. यह भी कहा गया है कि चूंकि पश्चिम बंगाल एक बॉर्डर स्टेट है इसलिए मामलों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दिया जाना चाहिए ताकि देश की संस्कृति और एकता पर देशविरोधी हमले की छानबीन हो सके.
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ज्ञापन देने वालों में पूर्व जज, पूर्व आईएएस-आईपीएस अधिकारी, एंबेसेडर और सेना के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर चुनाव बाद हिंसा हुई, इसमें हत्या, बलात्कार और लोगों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना शामिल है. हिंसा के 15 हजार मामलों की रिपोर्ट आई है जिनमें एक दर्जन से अधिक लोग मारे गए. राज्य के 23 में से 16 जिलों में हुई इस हिंसा के कारण 4-5 हजार लोग असम, झारखंड और ओडिशा पलायन कर गए.
ज्ञापन में इन हिंसा पीड़ितों के लिए एक रिलीफ पैकेज की घोषणा की मांग भी की गई है. इसमें कहा गया है कि महिलाओं, अनुसूचित जाति-जनजाति के लोग हिंसा का शिकार हुए. धार्मिक आस्था के केंद्रों को नुकसान पहुंचाया गया. कई मामलों में तो शिकायत तक दर्ज नहीं हुई.
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