दिल्ली के निज़ामुद्दीन मरकज़ मामले में मीडिया पर ‘फेक न्यूज' रोकने और कार्रवाई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार कर दिया. जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि हम कोई अंतरिम आदेश नहीं दें सकते हैं. मामले पर सुनवाई करते हुए CJI ने कहा कि हम प्रेस पर पाबंदी नहीं लगा सकते. CJI ने कहा कि आप प्रेस काउंसिल को पक्ष बनाइए. फिर हम इस मामले पर सुनवाई करेंगे.अब इस मामले पर दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी.
गौरतलब है कि जमीयत की ओर से याचिका में कहा गया है कि मामले का सांप्रदायिकरण किया जा रहा है. ऐसा बताया जा रहा है कि जैसे इसके लिए तब्लीगी ही जिम्मेदार हैं. जमीयत ने निज़ामुद्दीन मरकज मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि मीडिया के एक वर्ग में इस मामले का सांप्रदायिकरण किया जा रहा है.याचिका में कहा गया है कि इससे भारत के पूरे मुस्लिम समुदाय का जीने का अधिकार प्रभावित हो रहा है. याचिका में केंद्र सरकार को निर्देश देने को कहा गया है कि वो मीडिया में इस तरह की फेक न्यूज को रोकने के लिए कदम उठाए. याचिका में यह भी कहा गया है कि सरकार ऐसी फेक न्यूज चलाने वाले मीडिया के वर्ग की पहचान करे और उसके खिलाफ कार्रवाई करें.
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