आम्रपाली बिल्‍डर को सुप्रीम कोर्ट से झटका, ग्रुप की 16 संपत्तियां होंगी नीलाम

शीर्ष न्यायालय ने आम्रपाली की वित्तीय गड़बड़ियों का पता लगाने के लिये गुरुवार को कंपनी और उसके प्रवर्तकों के फॉरेंसिक ऑडिट का भी आदेश दिया है.

आम्रपाली बिल्‍डर को सुप्रीम कोर्ट से झटका, ग्रुप की 16 संपत्तियां होंगी नीलाम

भारतीय सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली:

सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह को कड़ा झटका देते हुये उसकी 16 संपत्तियों की पहचान की है जिनकी एनबीसीसी नीलामी कर सकता है. इसके जरिये जुटाई गयी रकम से एनबीसीसी आम्रपाली की लंबित परियोजनाओं पर काम शुरू करेगा. शीर्ष न्यायालय ने आम्रपाली की वित्तीय गड़बड़ियों का पता लगाने के लिये गुरुवार को कंपनी और उसके प्रवर्तकों के फॉरेंसिक ऑडिट का भी आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही गुरुवार को कारपोरेशन बैंक को आम्रपाली समूह के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में जाने की अनुमति दे दी. कारपोरेशन बैंक ने ही आम्रपाली समूह को कर्ज देने वाले बैंकों के समूह का नेतृत्व किया है.

न्यायालय ने हालांकि, एनसीएलटी को मामले में अदालत के स्पष्ट निर्देश के बिना आगे बढ़ने से रोका है. कारपोरेशन बैंक की तरफ से अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल अदालत में पेश हुये थे. उन्होंने कहा कि बैंक ने आम्रपाली समूह को 270 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था. एनबीसीसी ने इससे पहले न्यायालय से कहा था कि वह 1000 करोड़ रुपये की पूंजी के साथ 15 लटकी पड़ी परियोजनाओं पर निर्माण शुरू कर सकता है और शेष 7,500 करोड़ रुपये का भुगतान 250 करोड़ रुपये की त्रैमासिक किश्‍त के रूप किया जा सकता है. न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और यू यू ललित की पीठ ने आम्रपाली समूह के सीएमडी अनिल शर्मा से पूछा कि कैसे उनकी संपत्ति चार साल में 847 करोड़ रुपये से घटकर सिर्फ 67 करोड़ रुपये रह गयी. शर्मा ने 2014 लोकसभा चुनाव में दिये हलफनामे में अपनी संपत्ति 847 करोड़ रुपये घोषित की थी.

सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को कहा कि अदालत इस मामले में ऑर्डर पास करना चाहती है और ग्रुप कोर्ट को ये बताये कि वो कौन सी प्रॉपर्टी हैं जिनको बेच कर अभी 1000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते है जिससे NBCC काम शुरू कर सके.

घर खरीदारों की तरफ से कहा गया कि अदालत के आदेश के बावजूद आम्रपाली ग्रुप ने अपने CMD अनिल शर्मा के प्रॉपर्टी की डिटेल कोर्ट में नही दी है जबकि अनिल शर्मा जब चुनाव में खड़े हुए थे तो उन्होंने अपने संपत्ति का पूरा ब्यौरा चुनाव आयोग को दिया था. घर खरीदारों की तरफ से कहा गया कि ग्रुप ने जान बूझकर अनिल शर्मा की संपत्ति का ब्यौरा अदालत में नही दिया है. उन्होंने कहा कि शर्मा ने चुनाव आयोग में दिए हलफनामे में 850 करोड़ संपत्ति की बात कही थी. कोर्ट ने ग्रुप के वकील से पूछा कि ये 850 करोड़ रुपये कहां गए. अदालत ने पूछा कि क्या ये पैसे इलेक्शन में खर्च हो गए.

NBCC की ओर पेश ASG पिंकी आनन्द ने कहा 'हमें काम शुरू करने के लिए 1000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी.

सुप्रीम कोर्ट आम्रपाली के वकील गौरव भाटिया से पूछा- आप हमें बताइये कि ऐसी कौन-कौन सी प्रॉपर्टी बेची जा सकती है 1000 करोड़ फंड जुटाने के लिए. या तो आप हमें बताइये नहीं तो हम आपकी प्रॉपर्टी बेचेंगे.. आपलोगों का घर भी बेच सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप से कहा कि हम जानते है कि आपने जो पैसे की बात की है वो सही नहीं है और आपके बताये हुए पैसे कम पड़ जाएंगे. कोर्ट ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि बिल्डर्स घर खरीदार के साथ फ्रॉड करते हैं पर कानून में कमी होने के चलते वो बच जाते है.

आम्रपाली ग्रुप ने कोर्ट को एक लिस्ट सौंपी है जिसमे उन्होंने कहा है कि उनकी किस किस प्रॉपर्टी को न बेचा जाए. कोर्ट ने पूछा कि आप उन प्रॉपर्टीज के बारे में बताये जिनको अभी बेच कर 1000 करोड़ रुपये जुटा सकते हैं जिससे NBCC अपना काम शुरू कर सके. कोर्ट ने ये भी टिप्पणी की कि बिल्डर्स घर खरीदार से शुरुआत में काफी सारे वादे करते हैं पर हक़ीक़त ये है कि वो वादे कभी पूरे नहीं होते जिससे घर खरीदार खुद को ठगा हुआ महसूस करता है.

आम्रपाली की ओर से गौरव भाटिया ने कहा, 'हमारा होलिस्टिक व्यू है.' जस्टिस मिश्रा ने कहा कि होलिस्टिक व्यू भी दे सकते हैं. पर व्यू दें. भाटिया ने समय मांगा. कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया. भाटिया ने कहा कि हमारा सपना है प्रोजेक्ट पूरे करना. कोर्ट ने पूछा दिन के सपने या रात के? भाटिया ने कहा हम खरीदारों के सपने सच करना चाहते हैं.


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