सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर (Supreme Court) में फिलहाल 4G इंटरनेट सेवा (4G services) बहाली करने के आदेश देने से इनकार किया. सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार से तुरंत एक हाई पावर कमेटी (Special Committee)का गठन कर याचिकाकर्ताओं के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर विचार करने को कहा है. कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि ये कमेटी गृहसचिव की अगुवाई में गठित होगी. कोर्ट ने बैंडविड्थ सेवाओं को प्रतिबंधित करने के आदेश पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस संबंध में जिलेवार खतरे की धारणा को ध्यान में नहीं रखा गया. कमेटी को जिलेवार स्थिति को ध्यान में रखना होगा और फिर प्रतिबंधों को हटाने या जारी रखने के लिए फैसला करना होगा.
मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि इस अदालत को राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवाधिकार को संतुलित करना है. एक ही समय में चल रही महामारी और कठिनाइयों से संबंधित चिंताओं का अदालत को संज्ञान है. अनुराधा भसीन मामले में हमने कहा था कि पर्याप्त प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपाय होने चाहिए.
गौरतलब है कि कोर्ट ने पिछले सोमवार फैसला सुरक्षित रखा था. इस समय केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 2जी सेवाएं चल रही हैं. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील हुजेफा अहमदी की दलील दी कि मौजूदा 2G सर्विस के चलते बच्चों की पढ़ाई और कारोबार में काफी समस्या आ रही है.
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