सुप्रीम कोर्ट का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
देश में आवारा कुत्तों की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश में कहा है कि सभी बीमार या लोगों के लिए खतरा बने आवारा कुत्तों को मारने या हटाने के लिए कदम उठाए जाएं और ये कदम केंद्रीय नियमों के तहत उठाए जाएं।
हालांकि न्यायालय ने इससे जुड़े हाईकोर्ट के फैसलों पर रोक लगाने से मना कर दिया है। केरल और बॉम्बे हाईकोर्ट ने अलग-अलग फैसलों में इस तरह के कुत्तों को मारने के फैसले को सही ठहराया था। इनमें कहा गया था कि लोगों की ज़िन्दगी आवारा कुत्तों से ज़्यादा ज़रूरी है।
कई पशु अधिकार संस्थाओं ने इन फैसलों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। खास तौर पर ये संस्थाएं केरल में आवारा कुत्तों को मारने के लिए चलाई जा रही मुहिम पर रोक की मांग कर रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आज के आदेश में कहा कि कुत्तों के लिए 2001 मे बने केंद्रीय नियम के तहत ही कारवाई की जा सकती है। इसके मुताबिक, लोगों के लिए खतरा बने आवारा कुत्तों को मारा जा सकता है, लेकिन मानवीय तरीके से।
गौरतलब है कि लोगों के लिए खतरा बन रहे आवारा कुत्तों को मारने का कानून लगभग सभी राज्यों में हैं। इन कानूनों में आवारा कुत्तों को आबादी से दूर रखने के उपाय करने की भी बात कही गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को हलफनामा दायर कर ये बताने को कहा है कि उनके यहां इस बारे में क्या कदम उठाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ये भी जानना चाहता है कि जो कुत्ते बीमार या संक्रमित नहीं हैं, उनके लिए क्या किसी तरह के शेल्टर होम्स की व्यवस्था की गई है।
हालांकि न्यायालय ने इससे जुड़े हाईकोर्ट के फैसलों पर रोक लगाने से मना कर दिया है। केरल और बॉम्बे हाईकोर्ट ने अलग-अलग फैसलों में इस तरह के कुत्तों को मारने के फैसले को सही ठहराया था। इनमें कहा गया था कि लोगों की ज़िन्दगी आवारा कुत्तों से ज़्यादा ज़रूरी है।
कई पशु अधिकार संस्थाओं ने इन फैसलों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। खास तौर पर ये संस्थाएं केरल में आवारा कुत्तों को मारने के लिए चलाई जा रही मुहिम पर रोक की मांग कर रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आज के आदेश में कहा कि कुत्तों के लिए 2001 मे बने केंद्रीय नियम के तहत ही कारवाई की जा सकती है। इसके मुताबिक, लोगों के लिए खतरा बने आवारा कुत्तों को मारा जा सकता है, लेकिन मानवीय तरीके से।
गौरतलब है कि लोगों के लिए खतरा बन रहे आवारा कुत्तों को मारने का कानून लगभग सभी राज्यों में हैं। इन कानूनों में आवारा कुत्तों को आबादी से दूर रखने के उपाय करने की भी बात कही गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को हलफनामा दायर कर ये बताने को कहा है कि उनके यहां इस बारे में क्या कदम उठाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ये भी जानना चाहता है कि जो कुत्ते बीमार या संक्रमित नहीं हैं, उनके लिए क्या किसी तरह के शेल्टर होम्स की व्यवस्था की गई है।
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