Ladakh Clash: पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन (India and china) के बीच बनी सहमति के बाद चीनी सैनिक दो किलोमीटर तक पीछे हटे है. गालवान नदी के किनारे से हाई रिजोल्यूशन सैटेलाइन इमेज भी इस बात की तस्दीक करते हैं. यह नदी एलएसी के आरपार बहती है. गौरतलब है कि डिस्एंगेजमेंट की प्रक्रिया (Disengagement process) रविवार को दोनों पक्षों के बीच बैठक के बाद शुरू हुई थी. बैठक में बनी सहमति के तहत दोनों भारतीय और चीनी सैनिक पीछे हट रहे हैं और अपने बीच बफर जोन छोड़ रहे हैं.
एनडीटीवी ने मैक्सर (जो लद्दाख की स्थिति को लेकर अब तक हाई रिजोल्यूशन इमेज उपलब्ध कराता रहा है) से गालवान घाटी की दो तस्वीरें हासिल की हैंं जिसमें इस 'बदलाव' को साफ तौर पर देखा जा सकता हैं. 28 जून को हासिल पहले की तस्वीर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के दोनों ओर चीनी स्ट्रक्चर को देखा जा सकता है.
उसी स्थान की सोमवार को हासिल की गई तस्वीर में देखा जा सकता है कि निर्माण (structures) को ध्वस्त कर दिया गया है और क्षेत्र साफ है.
स्पॉट शो पेट्रोल प्वाइंट 14 (PP-14)के पास है, जहां 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक संघर्ष हुआ था. पहले की सैटेलाइट इमेज में साइट पर चीनी चौकियां और स्ट्रक्चर दिखाए थे जो सैनिकों के लिए आश्रय स्थल हो सकते हैं. 15 जून को भारत और चीन के सैनिक आक्रामक रूप में एक-दूसरे के सामने आ गए थे. दोनों पक्षों की हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों को जान गंवानी पड़ी थी. चीनी पक्ष को भी इस संघर्ष में खासा नुकसान हुआ था. खबरों के अनुसार, इस झड़प में 45 चीनी सैनिकों की या तो मौत हुई थी या वे गंभीर रूप से घायल हुए थे.
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