25 सितंबर को जम्मू के सांबा सेक्टर में एक थाने और सेना की यूनिट पर हुए आतंकी हमले की जांच रिपोर्ट राज्य पुलिस ने गृह मंत्रालय को सौंप दी है। रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने सात मिनट के अंदर थाने पर आतंकी हमले की सूचना सेना की उत्तरी कमान के मुख्यालय को पहुंचा दी थी।
फिर भी यह हमला इतना घातक कैसे हो गया, ये बात रिपोर्ट बताती है।
25 सितंबर को सांबा हमले पर जम्मू पुलिस ने गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने सात मिनट में थाने पर हमले की सूचना दी थी।
बताया जा रहा है कि हमले की सूचना सेना की उत्तरी कमान के मुख्यालय को दी गई थी। सेना की जिस यूनिट पर हमला हुआ वह पश्चिमी कमान में आता है।
पश्चिमी कमान को समय पर जानकारी नहीं मिल पाई थी। थाने और शहर के बीच पुलिस टीमें सतर्क हो गईं थीं। आतंकियों ने जम्मू शहर को निशाना नहीं बनाया। थाने के बाद सेना की 16वीं कैवलरी यूनिट निशाना बनी थी।
कहा जा रहा है कि हमले से 12 घंटे पहले सीमापार कर आतंकी घुसे थे। आतंकवादियों ने कब्रिस्तान में रात बिताई थी। एके 47 राइफ़लों, हैंडग्रेनेड, जीपीएस से आतंकी लैस थे।
पुलिस के मुताबिक उसका अनुमान था कि आतंकी जम्मू शहर पर हमला करेंगे इसलिए जो भी क्विक रिएक्शन टीम पुलिस थाने और शहर के बीच में थीं उन्हें अलर्ट कर दिया गया था, लेकिन आतंकवादियों ने शहर को निशाना बनाने के बजाय सेना की 16वीं कैवलरी यूनिट को निशाना बनाया।
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