उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हाल में हुए दंगों की जांच के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा गठित समिति ने राज्य सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में दंगे भड़काने के लिए भाजपा सांसद राघव लखनपाल को जिम्मेदार ठहराया और साथ ही स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं।
बहरहाल, उत्तर प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव की अगुवाई वाली समिति की रिपोर्ट के निष्कर्ष सामने आने के बाद राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। भाजपा ने रिपोर्ट को 'राजनीतिक रूप से प्रेरित' करार देकर खारिज कर दिया और सत्ताधारी समाजवादी पार्टी (सपा) पर अपनी 'नाकामियां' छुपाने का आरोप लगाया।
सपा के राष्ट्रीय महासचिव नरेश अग्रवाल ने बताया कि जांच दल ने हाल में मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में भाजपा के एक सांसद को जिम्मेदार करार देने के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं। यह सांप्रदायिक नहीं, बल्कि लापरवाही का दंगा था।
उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारियों पर मुकदमा कर कार्रवाई होनी चाहिए ताकि अधिकारी सचेत हों और भविष्य में लापरवाही न हो। साथ ही एक संदेश भी जाए कि गलती करने पर कार्रवाई होगी।
इस बीच, सहारनपुर से सांसद राघव लखनपाल ने रिपोर्ट में दंगे के लिए खुद को जिम्मेदार करार देने को 'राजनीति से प्रेरित' करार दिया है। लखनपाल ने उन पर लगे आरोपों को नकारते हुए कहा कि आगामी उपचुनाव में सपा एक वर्ग विशेष का वोट बैंक अपने पाले में करने के लिए ऐसा कर रही है और इस तरह उसने एक घटिया राजनीतिक सोच का परिचय दिया है।
उन्होंने कहा कि सहारनपुर दंगे को शांत कराने में उनके प्रयासों की जहां सभी सराहना कर रहे हैं, वहीं रिपोर्ट में उन्हीं पर आरोप लगा दिया गया है। उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि सरकार उन्हें दंगा शांत कराने के लिए धन्यवाद देती।
हालांकि अग्रवाल ने कहा, 'दंगे में वहां के एक भाजपा सांसद की भूमिका भी सामने आई है। भाजपा दूध की धुली नहीं है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहूंगा कि वह लाल किले से तो कहते हैं कि सांप्रदायिकता को 10 साल के लिए रोक कर देखा जाए, लेकिन अपनी ही पार्टी के सांप्रदायिक तत्वों को नहीं रोक पा रहे हैं।'
उन्होंने कहा 'यह तो वही बात हुई कि चोर से कहो चोरी करो, शाह से कहो जागते रहो। यह दोमुंही नीति नहीं चलेगी। मोदी जी को इस पर स्पष्ट नीति घोषित करनी चाहिए।'
सूत्रों के मुताबिक पांच सदस्यीय जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में भाजपा के स्थानीय सांसद राघव लखनपाल पर शहर में घूम-घूमकर दंगाइयों को उकसाने का आरोप लगाया है। रिपोर्ट के मुताबिक दंगे के लिए प्रशासनिक लापरवाही जिम्मेदार रही है और फसाद भड़कने के बाद ही प्रशासनिक अमला सक्रिय हुआ था।
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