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This Article is From Jan 16, 2019

RSS नेता बोले- कांग्रेस और सुप्रीम कोर्ट के दो-तीन जज हैं अयोध्या मामले में देरी के 'गुनहगार'

इंद्रेश कुमार ने दोहराया कि आरएसएस की मांग है कि मंदिर के निर्माण के लिए सरकार अध्यादेश लाए. हम सरकार से संसद में चर्चा कराने की अपील करते हैं.

RSS नेता बोले- कांग्रेस और सुप्रीम कोर्ट के दो-तीन जज हैं अयोध्या मामले में देरी के 'गुनहगार'
अयोध्या रेलवे स्टेशन की एक तस्वीर.
पुणे:

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) नेता इंद्रेश कुमार ने अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में देरी के लिए कांग्रेस, वाम दल और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के दो तीन जजों को जिम्मेदारी ठहराया है. आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार (Indresh Kumar) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस (Congress), वाम और ‘दो तीन जज' उन गुनहगारों में हैं जो न्याय में देरी कर अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण में अड़चन डाल रहे हैं. उन्होंने दोहराया कि आरएसएस की मांग है कि मंदिर के निर्माण के लिए सरकार अध्यादेश लाए. आरएसएस नेता ने कहा, ‘हम सरकार से संसद में चर्चा कराने की अपील करते हैं. हमारा मानना है कि जल्द से जल्द न्याय होना चाहिए. समूचे देश की भावना है कि जितनी जल्दी हो सके भगवान राम के मंदिर का निर्माण होना चाहिए.'

उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कांग्रेस और अन्य दलों के आरोपों को ‘मिथ्या' बताकर खारिज कर दिया कि सत्तारूढ़ भाजपा आगामी लोकसभा चुनावों में राजनीतिक लाभ लेने के लिए राम मंदिर के मुद्दे को उठा रही है. आरएसएस से संबद्ध राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के अध्यक्ष कुमार कुछ कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पुणे आए थे. 

VHP ने कहा- कोई भी कोर्ट यह तय नहीं कर सकती की भगवान राम अयोध्या में पैदा हुए थे या नहीं

आरएसएस नेता ने आरोप लगाया कि राम मंदिर मामले में न्याय में देरी के लिए कांग्रेस और वाम दल असली गुनहगार हैं. कुमार ने कहा, ‘तीसरे गुनहगार सुप्रीम कोर्ट के दो-तीन न्यायाधीश हैं, जो देरी करते जा रहे हैं और ऐसे कदमों से मामले में अड़चन आ रही है.' उन्होंने दावा किया कि तीन साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि वह जमीन मालिकाना मामले में रोजाना की सुनवाई करेगा और जल्द से जल्द फैसला सुनिश्चित करेगा.

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बता दें, हालही अयोध्या विवाद (Ayodhya Case) से जुड़े मुकदमे के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में लंबा खिंचने पर विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) ने भी गहरा असंतोष जताया था. इसके साथ ही नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Govt) पर दबाव बढ़ाते हुए अपनी मांग दोहरायी थी कि भगवान राम (Lord Ram) की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण की राह प्रशस्त करने के लिए जल्द कानून बनाया जाए. प्रयागराज में 15 जनवरी से शुरू होने वाले कुंभ मेले के दौरान राम मंदिर मुद्दे पर अपनी आगामी रणनीति तय करने का ऐलान करते हुए विहिप ने कहा है, ‘कोई भी अदालत यह तय नहीं कर सकती कि प्रभु राम अयोध्या में जन्मे थे या नहीं.'

(इनपुट- भाषा)

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