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This Article is From May 07, 2017

पांच रुपए का सिक्का लेने से पहले जरूर परखें, इन्हें खपाने वाले गिरोह का पर्दाफाश

राजस्थान के उदयपुर में आरोपी पांच लाख रुपए कीमत के नकली सिक्के की खेप भेज चुका था.

पांच रुपए का सिक्का लेने से पहले जरूर परखें, इन्हें खपाने वाले गिरोह का पर्दाफाश
उदयपुर में नकली सिक्का बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश. तस्वीर: फाइल फोटो
उदयपुर: उदयपुर के घंटाघर थाना पुलिस ने शनिवार को  एक मकान पर छापा मार कर मिश्रित धातुओं और स्टील से पांच रुपए का नकली सिक्का बनाने का कारखाने का पर्दापाश कर आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी गिरफ्तारी से पहले बाजार में करीब पांच लाख रुपए कीमत के नकली सिक्के की खेप भेज चुका था. पुलिस ने बताया कि मुखबीर की सूचना पर एक मकान पर छापा मार कर पांच रुपए का नकली सिक्के बनाने का सामान, डाई और तैयार नकली सिक्के जब्त किये. मकान में मौजूद ललित सोनी को मौके से गिरफ्तार किया गया. आरोपी ने पांच लाख रुपए के नकली पांच रुपए के सिक्के टोल पर देने की जानकारी दी है.

पुलिस ने आरोपी के दो ओर सहयोगियों शिव लाल सोनी और सौरभ जैन की तलाश में जुटी हुई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

पहले भी सामने आ चुका है नकली का सिक्कों का राजस्थान कनेक्शन

मालूम हो कि पिछले साल दिल्ली पुलिस की टीम को 7 अक्टूबर को सूचना मिली कि नकली सिक्के से जुड़े गिरोह के सदस्य दिल्ली के शिव विहार पहुंच रहे हैं. पुलिस के मुताबिक 50 फुटा रोड पर कार से दो युवक कई बैग के पैकेट लेकर नीचे उतरे. पुलिस टीम ने दोनों को दबोच लिया. दोनों की पहचान गुलशन कुमार एवं सचिन उर्फ सोनू के रूप में हुई. गुलशन के पास से 5 रुपये के सिक्के बनाने के चार उपकरण एवं 5 रुपये के 113 नकली सिक्के बरामद हुए वहीं सचिन के पास से 20 पैकेट बरामद हुए. हर पैकेट में 20 हजार कीमत के 100 सिक्के थे.

दोनों की निशानदेही पर टीम ने उनके विजयलक्ष्मी पार्क शिव विहार निलोठी स्थित उनके किराए के मकान से 3.57 लाख रुपये कीमत के सिक्के बरामद किए. टीम ने इसके बाद अंबाला स्थित नकली सिक्का बनाने वाली फैक्ट्री पर छापेमारी की और वहां पर 82,030 रुपये कीमत के सिक्के बरामद किए. मौके से पॉलीसीलर मशीन, पोर्टेबल बैग समेत अन्य उपकरण सीज किए. टीम ने राजस्थान चूरू स्थित नवलगढ़ स्थित उनके एक अन्य स्थान पर छापेमारी की और वहां से 1.37 लाख कीमत के नकली सिक्के बरामद किए.

5 एवं 10 रुपये के सिक्के बनाने के लिए वे लोहे का इस्तेमाल करते थे और नकली सिक्के वे विशेष तौर पर दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा एवं राजस्थान के मॉल एवं बड़े बाजार में सप्लाई करते थे.

इनपुट: भाषा
 

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