यह ख़बर 17 जून, 2014 को प्रकाशित हुई थी

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के शहीद कांस्टेबल माना राम के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

दिल्ली में ट्रैफिक संभालने के दौरान तीन लोगों द्वारा कुचल कर मार दिए शहीद कांस्टेबल माना राम के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। उपराज्यपाल नजीब जंग ने आज इसकी घोषणा की है।

इससे पहले आम आदमी पार्टी और दिल्ली पुलिस ने माना राम को मुआवजे के तौर पर एक करोड़ रुपये देने की मांग करते हुए उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखी थी। उनका कहना है की दिसंबर में जब कांस्टेबल विनोद कुमार शराब माफिया से लड़ते हुए शहीद हुए थे, तब भी सरकार ने उसके परिवार को एक करोड़ रुपये देने का ऐलान किया था।  

गौरतलब है कि शनिवार को दिल्ली के जखीरा इलाके में 26 साल के ट्रैफिक पुलिस कांस्टेबल माना राम ट्रैफिक संभाल रहे थे। जिस जगह वह ट्रैफिक संभाल रहे थे, वहां एक तरफ डायवर्सन था, लेकिन एक रिट्ज कार में बैठे लड़के उस नो एंट्री में घुसना चाहते थे। माना राम ने मना किया, लेकिन लड़के नहीं माने और उन्होंने सीधा माना राम को टक्कर मारी।

माना राम ने उनको पकड़ने के लिए गाड़ी पर छलांग लगायी और गाड़ी के अगले हिस्से पर बोनेट पर वाइपर पकड़कर लटक गया। कुछ देर तक संघर्ष चला और आखिर में माना राम अपनी नौकरी करते हुए शहीद हो गए।

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दिल्ली पुलिस की ओर से माना राम के परिवार को कुल 37 लाख रुपये दिए गए हैं और इसमें 20 लाख रुपये का शहीद फंड का पैसा और बाकी प्रोविडेंट फंड वगैरह के पैसे शामिल हैं। यह रकम दिल्ली पुलिस अपने हर जवान को अपनी तरफ से देती ही है।