मुंबई में मोनोरेल स्टेशनों पर सुरक्षा के लिए तैनात महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम के गार्ड खुद को दिए गए 410 मस्कट राइफलों से नाराज हैं, जिनके बारे में उनका कहना है कि आपालकालीन स्थिती से निपटने में ये बंदूकें बेकार हैं।
बीते कुछ वर्षों में कई आतंकी हमलों का शिकार बने इस शहर के बारे में आपको यह लग सकता है कि यहां सार्वजनिक स्थलों की सुरक्षा में तैनात कर्मी आधुनिक हथियारों से लैस होंगे। लेकिन हाल ही शुरू हुई मोनोरेल की बस एक सैर करने भर से ही आपका यह मुगालता खत्म हो जाएगा।
राज्य के गृह मंत्रालय द्वारा मोनोरेल की सुरक्षा में तैनात किए गए महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम (एमएसएससी) को बेहद खस्ताहाल (.410) मस्कट राइफल दी गई है, जो की सन 1857 के विद्रोह के समय इस्तेमाल किए गए बंदूकों के समान है।
हालांकि इस बारे से संपर्क किए जाने पर एमएसएससी के महानिदेशक के पी रघुवंशी ने कहा, 'ऐसे स्थानों (मोनोरेल) के लिए ऑटोमेटिक हथियार नहीं दिए जा सकते और एमएसएससी सुरक्षाकर्मियों को वक्तिया तौर पर ये हथियार दिए गए हैं। जरूरत महसूस होने पर हम इन अपग्रेड कर दिया जाएगा।'
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