सीबीएसई पाठ्यक्रम से मुगल काल के कुछ हिस्सों, फैज की नज्म औऱ अन्य चीजों को हटाने को लेकर विपक्षी दल आरजेडी ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला ही है. वहीं जेडीयू ने भी बिहार सरकार में अपने सहयोगी दल बीजेपी को नसीहत दे डाली है. दरअसल, बिहार में एनडीए के दो प्रमुख घटक, जनता दल यूनाइटेड और भाजपा अमूमन हर मुद्दे पर एक दूसरे के ख़िलाफ़ सार्वजनिक रूप से स्टैंड लेने लगे हैं. यूनीफ़ॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) के बाद यूजीसी द्वारा प्रस्तावित पाठ्यक्रम से शिमला समझौता या मुग़ल शासन से जुड़ी कुछ बातों को हटाने के खबरों पर बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने विरोध किया है.
वहीं @yadavtejashwi ने इस मामले पर @Jduonline के साथ सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि ये दरअसल आरएसएस का अजेंडा हैं @ndtvindia pic.twitter.com/s1NGNLKvJs
— manish (@manishndtv) April 25, 2022
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी इसको लेकर तीखा हमला बोला है. तेजस्वी यादव ने कहा कि ये देश नागपुर से चल रहा है. RSS का एजेंडा चल रहा है. आरएसएस संविधान की जगह अपना एजेंडा चलाने की कोशिश कर रहा है.
जेडीयू नेता और बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि बिहार सरकार या शिक्षा विभाग को इसकी कोई आधिकारिक सूचना नहीं है. सीबीएसई द्वारा किसी बदलाव को लेकर हमें कोई जानकारी नहीं है. लेकिन जैसा मुगलकाल, फैज की नज्म या किसी अन्य हिस्से को पाठ्यक्रम से हटाया गया है. मुगलकाल भी भारतीय इतिहास का अविभाज्य हिस्सा है. उसको कोई देश का इतिहास समझना चाहे तो बीच से किसी पार्ट को कैसे कोई निकाल सकता है. देश में आजादी के बाद रहे सभी प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल की सभी उपलब्धियों को बताया गया है.
@NitishKumar ko यूजीसी के पाठ्यक्रम में प्रस्तावित बदलाव मान्य नहीं हैं और इस बारे में शिक्षा मंत्री@BiharVijay ने साफ़ किया कि आख़िर उनका विरोध क्यों हैं @ndtvindia @Anurag_Dwary pic.twitter.com/DMyFAqHSnm
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उन्होंने कहा कि गुटनिरपेक्ष आंदोलन भी एक महत्वपूर्ण घटना है. जब पूरी दुनिया दो हिस्से में बंटी थी, तो 120 विकासशील देशों ने एक फोरम बनाकर अपनी बात जोरदार ढंग से दुनिया के सामने रखी. ये तो इतिहास का अविभाज्य हिस्सा है, इसे निकालने का क्या औचित्य है. इतिहास का पुराना हिस्सा धीरे-धीरे वैसे ही स्मरण पटल से मिटता चला जाता है.
चौधरी ने कहा कि हम दो तरफ से दुश्मनी भरा रवैया झेल रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान का विभाजन होकर बांग्लादेश का उदय होना, इंदिरा गांधी के समय की असाधारण घटना थी. इसी के आधार पर शिमला समझौता हुआ था, इतिहास तो पढ़ा ही जाता है, सीख लेने के लिए. देश को क्या फायदा-नुकसान हुआ. अगर हम अपने इतिहास को दरकिनार कर देंगे तो आगे क्या सीख मिलेगी.
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